ST/SC Act को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि हम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं थे और इसलिए यह पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार और एनडीए सरकार दलितों के समर्थन में हैं.
क्या है एसटी/एससी एक्ट
आइए जानते हैं क्या है एसटी/एससी एक्ट और क्यों देश में मचा हुआ है बवाल मामला है 2009 का, महाराष्ट्र के गवर्नमेंट फार्मेसी कॉलेज में एक दलित कर्मचारी की तरफ से फर्स्ट क्लास के दो अधिकारियों के खिलाफ कानूनी धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराने का है. पुलिस अधिकारी ने जांच के लिए अधिकारियों से लिखित निर्देश मांगे.
इंस्टिट्यूट के प्रभारीत डॉक्टर सुभाष काशीनाथ महाजन ने लिखित में कोई निर्देश नहीं दिया. जिसके बाद दलित कर्मचारी ने सुभाष महाजन पर शियाकत दर्ज कराई. जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट से FIR रद्द करने की मांग की. लेकिन हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया. जिसने बाद महाजन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
जहां उनके खिलाफ एफआईआर हटाने के निर्देश दिए गए और ST/SC एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. इस मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि ST/SC एक्ट के तहत गिरफ्तारी न की जाए. बल्की अग्रिम जमानत की मंदूरी दी जाए. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देश के कई हिस्सों से दलित संगठनों ने विरोध किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस फैसले के बाद दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा- अगर अग्रिम जमानत मिल जाएगी तो अपराधियों की संख्या बढ़ती जाएगी.