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निपाह वायरस से बचना है तो बरतें ये 5 सावधानियां, अब तक नहीं मिला कोई इलाज

लखनऊ. अभी हाल ही में केरल के कोझीकोड में निपाह वायरस के कारण लोग मौत की चपेट में आ रहे हैं. निपाह वायरस का इंफेक्‍शन कभी भी एक महामारी की तरह फैल सकता है. केरल सरकार ने इसके चलते हाई अर्लट जारी कर दिया है तो आइये जानें क्‍या है निपा वायरस…

क्या है निपाह वायरस

साल 1998 में मलेशिया में पहली बार निपाह वायरस का पता चला था. मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में ऐसे किसान इससे संक्रमित हुए थे जो सुअऱ पालन करते थे.

वायरस का उपचार नहीं

WHO के अनुसार इस वायरल के लिये किसी प्रकार का कोई वेक्सीन उपलब्ध नहीं है जो इंसानों और जानवरों को दिया जा सकतें. NiV के इंफेक्टेड पेशेंट की सिर्फ केयर की जा सकती है. IMA लखनऊ के ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी डॉ. अलीम सिद्दकी के अनुसार इस वायरस का इंफेक्शन दूसरे वायरस इंफेक्शन की तरह है. इसके लिये कोई भी प्रभावी एंटीवायरस थेरेपी नहीं होती है.

सबसे ज्यादा खतरा

सबसे ज्यादा खतरा सुअर पालने वालों को हैं. साथ ही जो किसान चमगादड़ पालते है. साथ ही खजूर की खेती करने वाले लोग इस वायरस की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है इसे रोकने के लिये संक्रमित रोगी से दूरी बनाए रखनी चाहिए.

क्या है वायरस के संकेत

  1. इंफेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में दिक्कत होती है. मरीजों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होने लगती हैं. जैसे दिमाग में जलन महसूस होती है.
  2. इसकी वजह से ब्रेन में सूजन आ जाती है.
  3. बुखार आना, सिरदर्द होना, आलस आना, भूल जाना भी इसके शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
  4. उल्टी और चक्कर आना भी इस इंफेक्शन के लक्षण हैं. बेहोशी, उबकाई, पेट में दर्द भी इसके लक्षणों में शामिल हैं.
  5. ऐसा लगातार हो रहा है तो तुरंत फिजिशियन से संपर्क करें. अपने मन से दवाएं न खाएं.

वायरस का निदान

निदान ELISA द्वारा किया जाता है, जो फिलहाल राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान, पुणे में किया जाता है.

वायरस से बचने के तरीके

1. सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके वेस्ट से खराब तो नहीं हुआ है. चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाएं.

2. कच्चे फलों का उपभोग करने से बचें. घर का साफ सुथरा खाना ही खाएं.

3. बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें. यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें.

4. टॉयलेट में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें.

5. सूअरों और सुअर हैंडलर के संपर्क से बचें. ट्रांसमिशन से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा या काम करते समय एन 59 मास्क का उपयोग करें.