‘ईश्वर का अपना देश’ कहे जाने वाले केरल को बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने इस कदर तबाह किया है कि पहले और अब की तस्वीर देख शायद इसे कोई पहचान भी न सके। भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक माने जाने वाले केरल को 94 साल की ‘सबसे बड़ी बाढ़’ का सामना करना पड़ है। हालांकि बाढ़ और बारिश का कहर थमने के बाद केरल में राहत कार्य तेज हो गया है। लेकिन इससे राज्य के 14 शहर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।
इडुक्की जिले के चेरुथोनी की बाढ़ से पहले और बाद की तस्वीर सामने आई है, जिसमें बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो चुका चेरुथोनी दिख रहा है। इस तस्वीर को आईपीएस रमा राजेश्वरी ने ट्विटर पर साझा किया है।
बाढ़ के दौरान घरों से पलायन कर चुके लोग अब वापस आ रहे हैं। लेकिन जो लोग अपने घर वापस लौट रहे हैं उनके चेहरे पर मायूसी और आखों में आंसू है। उनके पानी में डूबे घर रहने लायक नहीं बचे हैं। घरों में मलबा जमा है।
घर में और बाहर बिजली की फिटिंग तबाह हो चुकी है। पीने का पानी भी बमुश्किल मिल रहा है। भारी बाढ़ के बाद गांवों के कुएं भी कीचड़ से भर गये हैं।
अब राज्य सरकार का फोकस बाढ़ से तबाह हुए खूबसूरत केरल को फिर से खड़ा करने पर है। जिससे राहत कैंप में विस्थापित हो चुके 10 लाख से अधिक लोगों को वापस उनके घर भेजा जा सके।
राज्य में नदियों पर बने पुल सड़कें भी तबाह हो चुकी है। हर जगह मलबा दिखाई दे रहा है। जेसीबी के जरिये कचरा निकाला जा रहा है। टूट चुकी सड़कें वापस ठीक की जा रही है।
सार्वजनिक जगहों से मलबा हटाना, पीने का पानी और बिजली सप्लाई जैसी बुनियादी जरूरतों की कमी को दूर करना पहली प्राथमिकता में है। जिसमें राज्य पुलिस सेना और एनडीआरएफ की टीमें भी मदद कर रही हैं।
भारतीय सेना के इंजीनियर पानी की सप्लाई को बहाल करने के लिए अलुवा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और रामामंगलम प्लांट को दुरुस्त करने में जुटे हैं।
बाढ़ के कारण आम जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है। इन दिनों तो केरल में इलेक्ट्रीशयन, प्लंबर, कारपेंटर, पेंटर जैसे स्किल वर्कर्स की भी भारी कमी हो गयी है। यहां तक की घर की सफाई के लिए दिहाड़ी मजदूर भी नहीं मिल पा रहे हैं।
वहीं कुएं साफ करने वाले लोगों, प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन की डिमांड बढ़ने पर इस तरह का काम करने वाले लोगों ने सर्विस मंहगी कर दी है। अब यह भी आम लोगों के लिए मुसीबत बन गई है।
94 साल बाद हुई इस ऐतिहासिक तबाही ने केरल के 14 शहर तबाह कर दिये हैं, जोकि पहले काफी खूबसूरत और सैलानियों की पहली पसंद हुआ करते थे।
बाढ़ प्रभावित इन शहरों में वायनाड, इडुक्की, अलप्पुडा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, पलक्कड, मलप्पुरम, कोझिकोड आदि शहर शामिल हैं।