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मध्यप्रदेश : विधायको में सहमति के बाद आया फैसला, कौन होगा सीएम राहुल करेंगे निर्णय?

भोपाल। मध्य प्रदेश में 15 साल पुरानी शिवराज सरकार को पटकनी देते हुए कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस ने 121 नेताओं की सूची राज्यपाल को सौंप दी है और सरकार बनाने का दावा किया है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायक कांग्रेस को समर्थन देंगे।

इसके पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लेकिन नतीजे आने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने हार की जिम्मेदारी ली है।

उधर, मध्यप्रदेश में असली सवाल जो सामने खड़ा है वो है कि आखिरकार मुख्यमंत्री कौन? यहां प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच सीएम के पद की रेस चल रही है। जहां विश्लेषक मानकर चल रहे हैं कि कमलनाथ को ही सीएम बनाया जाएगा, वहीं पार्टी के अंदर से समर्थकों की आवाजें सिंधिया के पक्ष में उठ रही हैं।

हालांकि, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बहुत माथापच्ची के बाद सिंधिया ने कमलनाथ के नाम पर हामी भर दी है। अब बस उनके नाम पर राहुल गांधी की मुहर लगने का इंतजार है।

विधायकों की बैठक के बाद कांग्रेस की मीडिया प्रवक्‍ता शोभा ओझा ने बताया कि सीएम के चेहरे का फैसला आलाकमान करेगा। बैठक में वरिष्‍ठ नेताओं ने इस बारे में पार्टी अध्‍यक्ष राहुल गांधी को इस बारे में निर्णय लेने का आग्रह किया है। उन्‍होंने कहा कि विधायकों से इस बारे में गहन चर्चा की गई है। कमलनाथ का निर्णय सर्वसम्‍मति से लिया गया है और इस निर्णय से राहुल गांधी को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद सब कुछ तय होगा। आरिफ अकील ने इस बारे में प्रस्‍ताव रखा था।

खास बात है कि सिंधिया ने खुद कमलनाथ का नाम प्रस्तावित किया है, जबकि राज्य में खुद उनके नाम की दावेदारी पर जोर दिया जा रहा था। सिंधिया ने भी अपनी तरफ से कोई संकेत नहीं दिया था कि अपनी दावेदारी पर उनका क्या रुख है। लेकिन उनके एक बयान से लगा कि वो खुद को इस रेस से बाहर मानकर नहीं चल रहे हैं।