हैपेटाइटिस या पीलिया के लगभग 60 फीसदी मामले मानसून में दर्ज किए जाते हैं, लेकिन थो़ड़ी सी सतर्कता से इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है.पीलिया या जॉन्डिस कई पर प्रकार का होता है. सामान्य पीलिया को वायरल हैपेटाइटिस कहते हैं, जो बारिश के मौसम में बढ़ जाता है. जो कि बारिश के मौसम में दूषित पानी या भोजन के माध्यम से फैलता है.
पीलिया के लक्षण-
इंफेक्शन होने के बाद कोई भी लक्षण नजर आने में लगभग 2-8 हफ्तों का समय लगता है. बहुत ज्यादा थकान और कमोजरी, भूख न लगना, मितली आना, उल्टी होना, बुखार-मांसपेशियों में दर्द, बदन दर्द होना आदि.
उपचार के तरीके
- त्रिफला रस+ गिलोय रस+ दारुहरिद्रा+ नीम स्वरस बराबर मात्रा में शहद के साथ लेने से पीलिया खत्म हो जाता है.
- हरित की क्वथ, आवंले का रस द्रव्य जैसे भूम्यामल्कि, नीम, तुलसी दारुहरिद्रा से हर प्रकार का लिवर विकार नष्ट हो जाता है.
- पीलिया होने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द सलाह लें. समय पर डॉक्टर से सलाह ले.