मांगलिक, ये एक ऐसा शब्द है जो भारत में बच्चों के जन्म के बाद बनाई जाने वाली कुंडली के दौरान पता किया जाता है। मांगलिक होने का अर्थ है जीवन भर के लिए मुश्किलों का सामना करना।
खास तौर पर शादी की राह में तो ये मंगल दोष हिमालय पर्वत की तरह माना जाता है, अडिग। मंगल दोष कुंडली में है तो आपके विवाह में तमाम तरह की बाधाएं मुंह बाए खड़ी रहेंगी। जानिए क्या होता है मांगलिक का अर्थ ओर मंगल दोष निवारण के उपाय क्या हैं।
क्या है मंगल दोष ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली मैं मंगल 1, 4, 7, 8, ओर 12 घर में स्थित होता है वह मांगलिक माना जाता है । मंगल गर्म प्रवृत्ति का ग्रह है इसे पाप ग्रह माना गया है ।
ज्योतिष में इस ग्रह की स्थिति बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है। व्यक्ति के जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक इसकी दशा और दशा महत्वपूर्ण मानी जाती है। रोजगार और कारोबार में उतार-चढ़ाव बने रहते हैं।
मांगलिक होने के दुष्प्रभाव
मांगलिक व्यक्ति का विवाह मांगलिक से ही हो सकता है। माना जाता है कि मांगलिक का विवाह अमांगलिक से कर दिया जाए तो ये शादी बिलकुल भी नहीं चलती। दोनों में से किसी एक की मृत्यु तक हो सकती है । ऐसे दंपत्ति का वैववाहिक जीवन बहुत ही कष्ट में बीतता है। मांगलिक लोगों की शादी में इसीलिए देर होती हैं क्योंकि उनके अनुसार जीवनसाथी ढूढ़ने में समय लगता है।
मांगलिक लोगों की विशेषताएं
मांगलिक व्यक्ति बहुत ही स्पष्ट विचारधारा के माने जाते हैं । ये बहुत ही स्पष्टवादी होते हैं, बातों को लाग लपेट के साथ नहीं बल्कि सीधे बोलना पसंद करते हैं। ये काफी ताकतवर माने जाते हैं, भावनाओं में जल्दी नहीं बहते। ऐसे लोगों का साथ केवल इनके जैसे ही लोग दे सकते हैं। इसीलिए मांगलिक लोगों के लिए विवाह के लिए मांगलिक को ही ढूढ़ा जाता है।
मिथक
कई बार ये कहते हुए सुना जाता है यदि आप मंगलवार को पैदा हुए हैं तो आप पक्का मांगलिक हैं । ऐसा बिल्कुल भी सच नहीं है। यदि आप मांगलिक हैं तो पहले किसी पेड़ या जानवर से शादी करनी होगी । या फिर मांगलिक और अमांगलिक विवाह में तलाक होना निश्चित है। दरअसल आजकल मांगलिक बताकर इसके नाम पर भ्रम का माहौल बनाया जा रहा है।
ऐसे दूर करें मांगलिक दोष
मंगल दोष निवारण के कुछ उपाय बताए गए हैं। जैसे हनुमान जी मंगल के भगवान हैं और उनको सिन्दूर चढ़ाने से मंगल शांत होता हे। इसके अलावा मसूर की डाल और शहद को पानी मैं बहाने से भी लाभ मिलता है। या फिर मांगलिक व्यक्ति को हनुमान चालीसा, महामृत्युंजय और गायत्री मंत्रों का जाप करना चाहिये। काफी लोग अंगार्क स्तोत्रम् और भूम मंगल स्तोत्रम् भी पढ़ते हैं।