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आज है ‘भजन सम्राट’ अनूप जलोटा को जन्मदिन

अगर गजलों की बात की जाए तो सबसे पहला नाम जहन में जगजीत सिंह और अनूप जलोटा का ही आता है. क्योंकि कुछ साल पहले रेडियो पर जब गलजें आया करती थी तो आशिकी में डूबे रहने वाले या गजलों के फैंस उन्हें सुनने के लिए उतावले रहते थे.

गजल गायक अनूप जलोटा का जन्मदिन

लोग रेडियो की आवाज एक दम तेज करके गजले सुनने लगते थे. आपको ये भजन तो याद होगा ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन… इस भजन को बने जमाना हो गया लेकिन इसे सुनते ही अनूप जलोटा की याद आ जाती है. आज उन्ही गजल और भजन गायक का जन्मदिन है.

गजल से भजन की ओर किया रुख

भजन गायक अनूप जलोटा का जन्म 29 जुलाई 1953 को नैनीताल में हुआ था. अनूप जलोटा को भले ही पहचाना भजन सम्राट के तौर पर जाता हो, लेकिन उनका कहना है कि उन्होंने कभी गज़ल का दामन नहीं छोड़ा और वे हमेशा इससे जुड़े रहे हैं. अनूप जलोटा ने कहा कि वे गज़ल से भजन की ओर लौटे नहीं हैं, बल्कि दोनों विधाओं से साथ-साथ जुड़े हुए हैं.

प्रतिभा के धनी हैं अनूप जलोटा

एक बार एक फिल्म में गाने से पहले दो लाइन गवाने के लिए प्रोडूसर ने अनूप जलोटा को बुलाया और कहा की कितना क्स्हर्ज करेंगे? अनूप ने भावुक होकर कहा कि इतनी सुंदर लाइन गाने का मुझे मौका दे रहे हैं आप ऐसे में इसका कोई पैसा नहीं लूँगा मैं. आपको बता दें कि उस गाने का नाम था ‘सोलह बरस की बाली उमर को सलाम’. इस गाने के शुरुआत में दो लाइन आती है, जिसे अनूप जलोटा ने गाया है. वो लाइनें इस प्रकार हैं- कोशिश करके देख लें, दरिया सारी नदियां सारी
दिल की लगी नहीं बुझती, बुझती है हर चिंगारी.