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8 साल में भी पूरी नहीं हो पाई जीईओ बैग घोटाले की जांच

देव श्रीवास्तव/लखीमपुर खीरी।

बाढ़ राहत के नाम पर पूर्ववर्ती सरकारों ने करोड़ों खर्च किया जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ। ऐसा ही मामला जियो बैग का है। जिसके माध्यम से नदी के बहाव को गांवों तक पहुंचने से रोकने की योजना चलाई गई थी। इस योजना में भी भ्रष्टाचारियों ने ऐसा खेल खेला कि करोड़ों का सरकारी धन भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया। भ्रष्टाचार की शीघ्र जांच व आरोपियों पर शीघ्र कार्रवाई को लेकर न्याय मंच ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम खीरी को सौंपा।

  • वर्ष 2010-11 में जीईओ बैग घोटाले का ज़िन्न सामने आया। जांच के आदेश हुए लेकिन यह जांच ऊंची पहुंच वालों ने ठंडे बस्ते में डाल दी। करीब आठ साल बीत चुके हैं। परंतु शासन द्वारा आर्थिक अपराध शाखा लखनऊ को सौंपी गई जांच का कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। इसी घोटाले की जांच में तेजी लाने व अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए न्याय मंच (उत्तर प्रदेश) के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन एडीएम को सौंपा।
  • जिसमें भ्रष्टाचार की भेट चढ़े करोड़ों के सरकारी धन की वापसी किये जाने, आरोपियों की गिरफ्तारी व आर्थिक अपराध शाखा द्वारा चल रही जांच में तेजी लाने व इस घोटाले में शामिल फर्म एलाइंस कंस्ट्रक्शन पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। शीघ्र कार्रवाई ना होने की दशा में संगठन के पदाधिकारियों ने चेतावनी भी दी कि संगठन को मजबूरन सड़कों पर उतर कर आंदोलन को विवश होना पड़ेगा।
  • ज्ञापन देने वालों में प्रदेश समन्वयक नीरज रस्तोगी,ज़ोनल कोऑर्डिनेटर रीतू वर्मा, मंडल सचिव नजमुल हसन सिद्दीकी, जिला समन्वयक मोहम्मद हन्नान सिद्दीकी, जिला सचिव वेद प्रकाश वर्मा (एडवोकेट), नगर अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव शामिल रहे।