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अगर आपका भी एक से अधिक बैंकों में हैं अकाउंट, तो हो जाएं सावधान

आजकल अधिकतर पैसों का लेनदेन ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है। लोगों ने एक से अधिक बैंकों में खाते खुला रखे है। लोग अपनी सारी कमाई को किसी एक बैंक अकाउंट में रखने से बचने के लिए कई बैंकों में अकाउंट खुला लेते हैं। इससे फ्राड होने का संभावना अधिक बढ़ जाती है।

कई बैंकों में खाता खोलने के बाद आपको कई बड़े नुकसान उठाने पड़ते हैं। आप जब भी नौकरी बदलते हैं तो उसी हिसाब से हमारे सैलरी अकाउंट भी बदलते हैं। ज़्यादातर कंपनियों में इम्पलॉइज़ के नए अकाउंट खोले जाते हैं। ऐसे में पिछली कंपनी वाला अकाउंट लगभग निष्क्रिय हो जाता है। किसी भी सैलरी अकाउंट में तीन महीने तक सैलरी नहीं आने पर वह अपने आप सेविंग अकाउंट में बदल जाता है। सेविंग अकाउंट में बदलते ही उस खाते के लिए बैंक के नियम भी बदल जाते हैं। इन्हीं नियमों के मुताबिक खाते में मिनिमम राशि भी रखनी होती है और अगर आप ये राशि नहीं रखते हैं तो बैंक आपसे पैनल्टी भी वसूलते हैं और खाते से पैसे कट जाते हैं। बैंक आपके अकाउंट को मेनटेन करने के लिए कई तरह के चार्जेज़ वसूलते हैं। क्रेडिट और डेबिट कार्ड के चार्ज, आपको खाते के ट्रांज़ैक्शन से जुड़ी जानकारी के लिए भेजे जाने वाले एसएमएस चार्ज, सालाना मेंटेनेंस फीस और इसके अलावा भी कई और सुविधाएं जो बैंक आपको देता है और उसके लिए पैसे भी चार्ज करता है।

निष्क्रिय खाते का ठीक से इस्‍तेमाल न करने पर आपको पैसों का नुकसान भी हो सकता है। एक से अधिक निष्क्रिय खाते होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी इसका खराब असर पड़ता है। इससे यदि आप कभी बैंक से लोन लेना चाहते हैं तो आपके लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि नौकरी बदलते ही सैलरी अकाउंट को बंद करें और साथ में नेटबैंकिंग को भी ज़रूर डिलीट कर दें।