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इन सावधानियों के साथ इस्तेमाल करें चांदी

व्यक्ति के जीवन में सभी धातुओं का विशेष महत्व होता हैं,और इन सभी धातुओं का प्रयोग व्यक्ति कई तरह से करता हैं वही चांदी भी एक मूल्यवान और उपयोगी धातु मानी जाती हैं। चांदी एक चमकदार और सफेद धातु हैं। वही चांदी का प्रयोग व्यक्ति अपने जीवन में रोज ही करता हैं। इसलिए यह एक मुख्य धातु के रूप में भी जानी जाती हैं। वही शास्त्रों के मुताबिक इस का उद्भ्व भगवान शंकर के नेत्रों से हुआ था। वही ज्योतिषशास्त्रों में चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र होता हैं। वही चांदी मध्य मूल्यवान होने की वजह से अधिक प्रयोग और इस्तेमाल में लाई जाती हैं।

वही चांदी का छल्ला कनिष्ठा उंगली में पहनना सर्वोत्तम माना जाता हैं, इससे अशुभ चंद्रमा भी शुभ प्रभाव प्रदान करना शुरू कर देता हैं और मन का संतुलन बहुत ही अच्छा बना रहता हैं। वही चांदी की चेन को गले में भी धारणा किया जा सकता हैं। इसको धारण करने से वाणी में शुद्धता आती हैं।

बरतें ये सावधानियां….

  • चांदी जितनी शुद्ध होती हैं उतना ही अच्छा होता हैं। इसलिए शुद्ध चांदी को धारण करना चाहिए। वही चांदी के साथ सोना मिश्रित करके विशेष दशाओं में ही पहनना चाहिए। सोने के अलावा चांदी में कोई और धातु नहीं मिलानी चाहिए। यह शुभ नहीं होता हैं।
  • वही चांदी के बर्तनों को हमेशा ही साफ स्वच्छ रखना चाहिए। तभी उनका प्रयोग करना चाहिए। वही जिन लोगो को भावनात्मक समस्याएं अधिक होती हैं। उन्हें चांदी के प्रयोग में बहुत ही सावधानी रखनी चाहिए। वही कर्क वृश्चिक और मीन राशि वाले जातको के लिए चांदी धारण करना हमेशा ही शुभ और उत्तम होता हैं। वही मेष, सिंह और धनु राशि के लोगो को चांदी बहुत अनुकूल नहीं होती हैं।