हेल्थ डेस्क|
आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य के शरीर में मुख्य रूप से तीन प्रकार के विकार होते हैं वात,पित्त और कफ जिनकी वजह से बीमारियाँ होती हैं|अगर आपको भूख नहीं लगती है और वात,पित्त और कफ असंतुलित है तो डॉ.देवेश श्रीवास्तव (वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक) के बताये गए इन योग को अपनाएं.
ध्यानासन
आपको भूख नहीं लगती,आपका वात,पित्त,कफ असंतुलित है और गठिया की तकलीफ है,तो आपके लिए ध्यानासन फायदेमंद हो सकता है। इससे एकाग्रता बढ़ती है, याददाश्त में भी इजाफा होता है और स्ट्रेस कम होता है.
कैसे करें
बड़े आराम से किसी भी ध्यान के एक आसन में बैठ जाएं। अपनी आंखें बंद कर लें, गर्दन सीधी रखें तथा आपका सिर कुछ ऊपर की ओर रहे, कमर (मेरूदण्ड) सीधी रहे। कंधे ढीले, शरीर ढीला तथा अपने मन को एकदम रिलेक्स छोड़ दें। आपकी हथेलियां खुली, आकाश या छत की ओर, दाई हथेली दाएं घुटने पर और बाई हथेली बाएं घुटने ज्ञान मुद्रा का भी प्रयोग कर सकते हैं। तीन बार लंबी गहरी सांस नाक के रस्ते लें और नाक से ही धीरे-धीरे छोड़ दें। फिर से तीन बार लंबी गहरी सांस अन्दर लें तथा इन्हें धीरे-धीरे मुख के रास्ते छोड़ दें। लंबी गहरी सांसें लेते हुए तीन बार ॐ शब्द का उच्चारण करें.
कितनी देर करें
शुरू में आप अपने अभ्यास को तीस मिनटों से आरम्भ करें, प्रतिदिन आधा मिनट ध्यान के आसन की अवधि बढ़ाते जाएं, इस प्रकार लगभग एक वर्ष के नियमित अभ्यास से आप लगातार तीन घंटों तक बैठ सकने की क्षमता अर्जित कर सकेंगे.