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GST पर मिलेगी राहत, पीएम मोदी ने दिया बड़े बदलाव का इशारा

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में मिली भाजपा की हार ने कहीं न कहीं केंद्र की मोदी सरकार को जन समस्याओं की ओर अटेंशन देने के लिए प्रेरित किया है। वहीं दो राज्यों मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कमान संभालने के बाद कांग्रेस के सीएम कमलनाथ और भूपेश बघेल द्वारा की गई कर्जमाफी ने भी इस दिशा में अपना असर दिखाया। इसके तहत केंद्र सरकार ने कांग्रेस की कर्जमाफी के फ़ौरन बाद जनहित में एक के बाद एक ऐलान करना शुरू किया।

बता दें फ्री एलपीजी और आधार को ग्राहकों की इच्छा पर छोड़ने के बाद अब जीएसटी के ऊंचे स्लैब की मार झेल रहे कारोबारी और जनता को राहत देने का ऐलान किया गया है।

खबरों के मुताबिक़ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस बात के संकेत दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही 28 फीसदी स्लैब में केवल 1 फीसदी आइटम रखेगी।

मोदी ने कहा कि हमारे देश में दशकों से जीएसटी की मांग थी। आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बाजार की विसंगतियां दूर हो रही हैं और सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता की तरफ हम बढ़ रहे हैं।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार जीएसटी में शामिल 99 फीसदी वस्तुओं को 18 फीसदी और उसके नीचे की स्लैब में लाना चाहती हैं। 28 फीसदी स्लैब में केवल वो ही वस्तुएं रहेंगी, जिन पर ज्यादा टैक्स सही में लगना चाहिए। सरकार के इस कदम से लोगों को काफी राहत मिलेगी।

मोदी ने कहा कि जीएसटी के लागू होने से पहले टैक्स देने वाले व्यापारियों की संख्या केवल 65 लाख थी, जो कि 1 जुलाई 2017 के बाद से अब बढ़कर 1.20 करोड़ हो गई है। जीएसटी के लागू होने के बाद 55 लाख नए व्यापारी टैक्स सिस्टम से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में जीएसटी अलग-अलग राज्यों में वैट और एक्साइज की जो व्यवस्था थी, उसी की छाया में आगे बढ़ रहा था। जैसे-जैसे विचार-विमर्श हुआ, धीरे-धीरे इसमें भी बदलाव आते रहे। हमारा ये मत है कि जीएसटी को जितना सरल और सुविधाजनक किया जा सकता है, उसे किया जाना चाहिए।

मोदी ने कहा कि समाज के मेहनती और उद्यमी लोग, जो बाजार से जुड़े हैं, उन्हें एक साफ-सुथरी, सरल, इंस्पेक्टर राज से मुक्त व्यवस्था मिल रही है। पूरे भारत ने एक-मन होकर, इतने बड़े टैक्स रीफॉर्म को लागू करने के लिए प्रयास किया। हमारे कारोबारियों और लोगों के इसी जज्बे का परिणाम है कि भारत इतना बड़ा बदलाव करने में सफल हो सका।