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GST को लेकर मोदी के गढ़ में आंदोलन, साड़ी व्यापारियों ने बंद करने की घोषणा की

KHOJWAN KIRAIYA, VARANASI, UTTAR PRADESH, INDIA - 2015/07/09: A 22 year old veteran weaver, Abu Umair  works in a handloom factory.  It is one of the promises of India's Prime Minister, the revival of Handloom Industry and better deals to the weavers in Varanasi. Separate policies for Powerloom and Handloom  must be established to avoid cannibalism for both. (Photo by Akshay Gupta/Pacific Press/LightRocket via Getty Images)

नई दिल्ली: पूरे देश में 1 जुलाई से लागू होने वाले GST को लेकर आज बनारसी साड़ी के व्यापारियों ने 3 दिनों तक अपने कारोबार को पूरी तरह से बंद करने की घोषणा के बाद कारोबार को ठप कर दिया हैं। 

– ये अब तक की सबसे बड़ी बंदी हैं जिससे देश के कोने-कोने में अपनी पहचान रखने वाले बनारसी साड़ी का व्यापार तीन दिनों में करीब 100 करोड़ का व्यापार ठप रहने की उम्मीद हैं।

– इस विरोध के साथ बनारसी साड़ी के व्यापारियों ने केंद्र सरकार की इस नीति को सिरे से खारिज करने की मांग की है। वहीं ये भी कहा है कि इस कारोबार में GST के आने के बाद से अब देश को बनारसी साड़ी नहीं मिल पायेगी। अपना विरोध जताते हुए व्यापारियों ने जहां अपनी प्रतिष्ठानें बंद रखी हैं वही काशी की सड़को पर पायदान मार्च और बाइक रैली भी निकली गयी हैं। इस कारोबार से जुड़े इशिता क्रिएशन के मालिक मनीष कपूर ने बताया की GST के लागु होते ही करीब 8 लाख लोगों का भविष्य खत्म हो जायेगा। हम कारोबार बंद कर व्यवसाय बदल लेंगे।

– वाराणसी वस्त्र उद्योग के महामंत्री राजन बहल ने बताया जिस तरह से जीएसटी लगाया गया है ,उससे बनारसी साड़ी और बुनकर बर्बाद हो जाएंगे। हमारी कुछ मांगे प्रमुख है-

1. हमे धागा खरीद पर दो पर्सेंट टैक्स मंजूर नहीं है। हम जिससे खरीदेंगे वो भी देगा ,जो बेचेगा वो भी देगा।

2. बनारसी साड़ी में एमबाडरी, जरी वर्क, बुंवाई पर15 पर्सेंट टैक्स मंजूर नहीं है।

3. लोकल ट्रांजक्सन मार्केट के आलावा बनारसी साड़ी का मार्केट ग्लोबल है। हर व्यपारी बिजनेस के अनुसार फिर से 2 से 5 पर्सेंट ,10 से 15 पर्सेंट और फिर 15 से 28 पर्सेंट के दायरे में आएगा,जो मंजूर नहीं है

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