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जीबी रोड: आजादी से पहले सेक्स की दुकान बंद करने पर दिल्ली में महिला आयोग का हल्ला बोल

दिल्‍ली महिला आयोग की अध्‍यक्ष स्‍वाति मालीवाल जयहिंद ने न्‍यूज18 हिन्‍दी को इंटरव्‍यू दिया हैैं। उन्‍होंने जीबी रोड पर चल रही वेश्‍यावृत्ति‍ को खत्‍म करने की मांग की. साथ ही मानव तस्‍करी को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत बताई. वहीं देहव्‍यापार को कानूनी जामा पहनाए जाने की लोगों की मांग पर भी तीखे सवाल खड़े किए.

जितने लोग इस धंधे को लीगलाइज करने की बात कहते हैं मेरा उनसे सिर्फ एक ही सवाल है कि क्‍या आप अपनी बेटी को धंधे-वाली बनाओगे? जब आप अपनी बेटी को धंधे वाली नहीं बना सकते तो देश की गरीब महिला वहां क्‍यों पहुंचे? क्‍यों जीबी रोड में काम करे?

— स्‍वाति मालीवाल जयहिंद, अध्‍यक्ष, दिल्‍ली महिला आयोग
Pic credit: getty images

उन्‍होंने आगे कहा कि विदेशों में कहीं भी देख लीजिए जहां-जहां वेश्‍यावृत्ति‍ को लीगलाइज किया गया है वहां मानव तस्‍करी कई गुना बढ़ी है. तो ये कोई विकल्‍प नहीं है. समाधान मुश्किल जरूर है लेकिन हो सकता है. जीबी रोड जैसी जगहों को बंद की‍जिए. जितनी भी ऐसी लड़कियां हैं उन्‍हें बाहर निकालिए. उन्‍हें इज्‍जत की जिंदगी दीजिए, उन्‍हें जॉब्‍स दीजिए. उनका पुनर्वास कीजिए.

दिल्ली महिला आयोग ने एक कमेटी बनाई हुई है. जिसमें वे एनजीओ भी शामिल हैं जिन्‍होंने इस मुद्दे पर बहुत काम किया है. उस कमेटी की रिपोर्ट आने वाली है. उस रिपोर्ट को सरकार को भी देंगे और एक मॉडल पर भी काम करेंगे कि कुछ लड़कियों को बाहर निकालकर कैसे उनकी जिंदगी सुधार सकते हैं.

 

मैं चाहूंगी कि जीबी रोड से निकाली गई लड़कियों के पुनर्वास की जो योजना हमने बनाई है उसे लागू करने में दिल्‍ली सरकार, केंद्र सरकार और विशेष रूप से दिल्‍ली नगर निगम मदद करे. ताकि लड़कियों की जिंदगी बचाई जा सके और उनका पुनर्वास किया जा सके.

— स्‍वाति मालीवाल जयहिंद, अध्‍यक्ष, दिल्‍ली महिला आयोग

उन्‍होंने कहा कि हजारों लड़कियां दिल्ली के तहखानों में बंद हैं. इनके लिए कौन जिम्‍मेदार है.  जीबी रोड का निदान यह है कि मानव तस्‍करों के ऊपर सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई होनी चाहिए. उनके ऊपर कार्रवाई होगी तो फिर तस्‍करी करने की किसी की हिम्‍मत नहीं होगी. जो 73 नेपाली लड़कियां रेस्‍क्‍यू की हैं ये भी तो मानव तस्‍करों और एजेंटों के द्वारा लाई गई हैं. क्‍या इमिग्रेशन अधिकारियों को नहीं पता है? क्‍या स्‍थानीय पुलिस को नहीं पता है?

स्‍वाति के अनुसार, बात ये है कि जब तक मानव तस्करों के इस जाल को नहीं तोड़ेंगे और लॉ एंड ऑर्डर को ठीक नहीं करेंगे तब तक कुछ ठीक नहीं होगा. ये ऐसे ही चलता रहेगा. जीबी रोड के कोटे बिल्‍कुल बंद होने चाहिए. वहां तहखाने हैं उन्‍हें भी एमसीडी बंद करने को तैयार नहीं है

मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं कि जीबी रोड को खत्‍म कर दूंगी. लेकिन जीबी रोड में देह व्‍यापार चल रहा है जो कि बहुत दुखदायी है. एक-एक महिला को 30-30 लोगों के साथ सोना पड़ता है. उन्‍हें ड्रग्‍स और एल्‍कोहॉल का नशा दिया जाता है. दूर-दूर से लड़कियों को लाकर बेचा जाता है. मुझे लगता है इनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए. जो लड़कियां इन कोठों में फंसी हैं उन्‍हें बाहर निकालकर उनके पुनर्वास की व्‍यवस्‍था करनी चाहिए.

— स्‍वाति मालीवाल जयहिंद

बकौल मालीवाल, ‘अभी दिल्‍ली महिला आयोग ने 73 नेपाली  गरीब लड़कियों को रेस्क्यू किया हैं। इन लड़कियों को जॉब का झांसा देकर यहां लाया गया है. फिर इन्‍हें गल्‍फ कंट्रीज में भेजा जा रहा है, श्रीलंका भेजा जा रहा है. सभी लड़कियों को बंद कमरे में से रेस्‍क्‍यू कराया है.’

लड़कियों ने बताया है कि इनके जो पासपोर्ट और दस्‍तावेज थे वे सब एजेंट ले जाते थे. इनमें कुछ लड़कियां नाबालिग भी हैं. मुनिरका, मैदानगढ़ी और फिर पहाड़गंज से लड़कियों को निकाला गया है. ये सभी मामले एक जैसे ही हैं. मानव तस्‍करी का गिरोह चल रहा है. एजेंट इन लड़कियों को लेकर आते हैं.