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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने फिर कही ये बड़ी बात…

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बेरोजगारी को लेकर एकबार फिर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी आर्थिक नीति की आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का कहना है कि देश की अर्थव्यस्था अपनी क्षमता के हिसाब से आगे नहीं बढ़ रही है और इसका विकास भी सही दिशा में नहीं हो रहा है। दिल्ली स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में अपने संबोधन के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र का बढ़ता संकट, रोजगार के कम होते अवसर, पर्यावरण में आती गिरावट और इससे भी ऊपर विभाजनकारी ताकतों के सक्रिय रहने से देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की आत्महत्याओं और बार-बार हो रहे किसान आंदोलनों से अर्थव्यवस्था में व्याप्त ढांचागत असंतुलन का पता चलता है।

उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरता से विचार करने और राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि संपत्ति और रोजगार के अवसरों में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाने वाले लघु और असंगठित क्षेत्र को विनाशकारी नोटबंदी और जीएसटी के लापरवाही भरे तरीके से किए गए क्रियान्वयन से काफी नुकसान हुआ है। औद्योगिक वृद्धि दर उतनी तेजी से नहीं बढ़ पा रही है जितनी जरूरत के मुताबिक बढ़नी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि रोजगारोन्मुख उद्योग के संवर्धन के प्रयासों में जो सबसे बड़ी चिंता की बात है वह उद्योगों को जिस कौशल की जरूरत है उसके और स्नातक की पढ़ाई कर निकलने वाले छात्रों के पास जो कौशल है उसके बीच रहने वाला अंतर है।

2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे सिंह ने कहा कि, ‘हम तेजी से बदलती दुनिया में रह रहे हैं। एक तरफ हम तेजी से दुनिया की अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ रहे हैं और विश्व बाजारों में पहुंच रहे हैं और दूसरी तरफ घरेलू स्तर पर हमारे समक्ष व्यापक आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां खड़ी हैं।’ पूर्व प्रधानमंत्री ने प्रबंधन के छात्रों से कहा कि वह ऐसे समय महत्वपूर्ण समय में कारोबारी दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं जब 2030 तक भारत के दुनिया के शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।