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इतिहास में पहले बार एक अरबी भाषा को दिया जाएगा मैन बुकर पुरस्कार

नई दिल्ली। हर साल साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले मैन बुकर पुरस्कार की घोषणा हो चुकी है। इस साल यह प्रतिष्ठित पुरस्कार एक अरबी भाषा की लेखिका को दिया जा रहा है, जो कि इस पुरस्कार के इतिहास में पहली बार होगा। दरअसल इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए ओमान की लेखिका जोखा अल्हार्थी को चुना गया है।

जोखा अरबी भाषा की एक जानी मानी लेखिका हैं और इस साल का मैन बुकर पुरस्कार जोखा को दिया जाएगा। इस पुरस्कार के लिए उनके नाम की घोषणा भी हो चुकी है। अल्हार्थी को उनकी किताब सेलेस्टियल बॉडीज के लिए यह सम्मान दिया जाएगा। इस किताब की कहानी तीन बहनों और एक मरुस्थली देश की है।

इस किताब में दिखाया गया है कि किस तरह से दासता के अपने इतिहास से उबर कर जटिल आधुनिक विश्व के साथ तालमेल बनाने की जद्दोजहद की गई है। वहीं इस पुरस्कार की घोषणा के बाद मैन बुकर पुरस्कार पैनल में शामिल और इतिहासकार बिटैनी हग्स का कहना है कि जिस नॉवेल को इस साल मैन बुकर पुरस्कार के लिए चुना गया है, उसने दिल और दिमाग दोनों ही जीतने का काम किया है।

बताते चलें कि सेलेस्टियल बॉडीज ने यूरोप और दक्षिण अमेरिका की पांच एंट्रीज को पीछेढ छोड़ते हुए यह पुरस्कार हासिल किया है। अल्हार्थी को पुरस्कार में 50000 पाउंड की राशि प्रदान की जाएगी, जिसे वह ब्रिटेन की अनुवादक मैरीलिन बूथ के साथ शेयर करेंगी