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एटा बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 31 अध्यापकों को किया निलंबित, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

जनपद एटा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयो में मिडडे मील में लगातार मिल रही अनिमियताओ के चलते जॉइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र सिंह तंवर ने अपनी गोपनीय टीम बनाकर ब्लॉक सकीट के दर्जनों विद्यालयों में मिडडे मील वितरण की जांच कराई थी ।

जिसमे 31 विद्यालयों में मिडडे मील वितरण में कमी पाई गई थी। उसी के चलते जॉइंट मजिस्ट्रेट के आदेश पर मिडडे मील वितरण और स्कूल , छात्र संख्या अधिक दर्शाने और मिडडे मील में फर्जीबाड़ा मिलने और अन्य  मिली अनियमितताओं के दोषी 31 प्रधानाध्यापकों को बीएसए संजय शुक्ला ने निलंबित कर दिया है।

इस बड़ी कार्यबाही से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वही  कार्यबाही से शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ भी आमने सामने आ गए है। शिक्षक संघ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबन बापिस नहीं लिया तो जनपद के सभी शिक्षक हड़ताल पर चले जायेगे। 

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मिडडे मील की लगातार मिल रही शिकायत

बताया जाता है कि जनपद एटा में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिडडे मील की लगातार शिकायत मिल रही थी। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी आंख बंद कर बैठे थे। सूत्रों की माने तो जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने के बाद कोई कार्यबाही नही हुई तो शिकायत कर्ताओ ने जॉइंट मजिस्ट्रेट से शिकायत की थी।

उसी शिकायत का संज्ञान लेते हुए तेज तर्रार आईएएस/ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने अपने ही विभाग के लेखपालों और राजस्व अमीनों की मिडडे मील की जांच के लिए गोपनीय तरीके से टीम बनाई गई थी। जिसमे सकीट ब्लाक के 130 प्राथमिक,उच्च प्राथमिक स्कूलों में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र सिंह तंवर ने लेखपाल और अमीनों से मिडडे मील वितरण की जांच कराई थी।

जिसमे 31 विद्यालयों के मिडडे मील की जांच में बड़े पैमाने पर फर्जी बाड़ा पाया गया था। तभी जॉइंट मजिस्ट्रेट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेश देते हुए 31 शिक्षकों पर कार्यबाही करने के निर्देश दिए थे। उसी पर बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला ने 31 शिक्षकों को तत्काल निलंबित कर दिया है।

वही बड़े पैमाने पर शिक्षकों के खिलाफ कार्यबाही से नाराज शिक्षक संघ और शिक्षा विभाग आमने सामने आ गया है। शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि बीएसए ने सभी शिक्षकों का निलंबन बापिस नहीं लिया तो जनपद के सभी शिक्षक हड़ताल पर चले जायेगे। लेकिन बड़ी बात ये है कि आखिर शिक्षा विभाग में जॉइंट मजिस्ट्रेट को अपनी गोपनीय तरीके से अपनी टीम बना कर जांच कराने की क्यो आवश्यकता पड़ी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गरीबो के बच्चों को मिलने वाले मिडडे मील में की जा रही धांधली में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का भी हाथ है। क्यो कि इतने बड़े स्तर पर स्कूलों में धांधली चल रही थी और शिक्षा विभाग के अधिकारियो को पता नही था।