Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

एटा: मन्दिर के पास लगे नल में दौड़ा करेंट, बिजली विभाग को बड़े हादसे का इंतजार

जनपद एटा में बिजली बड़ी लापरबाही सामने आयी है। जिसमे लापरवाह बिजली विभाग को बड़े हादसे का इंतज़ार है। जनपद एटा के राजा का रामपुर में श्री दाऊ जी महाराज के मंदिर के पास लगे नल में करेंट दौड़ने से मोहल्ले वासियों में हड़कम्प मचा हुआ है।

क्षेत्रीय लोगो को बड़े हादसे का दर सताने लगा है। लोगो का कहना है बिजली विभाग की लापरवाही से इस कस्बे में काफी घटनाये हो चुकी है लेकिन विभाग की आंखे नही खुल रही है। जब कि इसकी शिकायत कई बार कर चुके है।

फिर भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। जब इसके बारे में बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियो को फोन पर चलती हुई बिजली को कटवाने के लिए सम्पर्क करना चाह तो जेई और एसडीओ ने फोन को उठाना भी जरुरी नहीं समझा है। वैसे आपको बताते चले ये फोन न उठाने का कोई पहला मामला नही है इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे है।

बिजली विभाग की लापरवाही से बड़ी घटना को नेवता 

ये पूरा मामला जनपद एटा के मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर कस्बा राजा का रामपुर का है जहां बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही से एक बार फिर से बड़ी घटना होते-होते बच गई। अभी तो बच गयी लेकिन आगे की गारंटी नहीं है क्यों कि यहाँ के बिजली विभाग के लापरवाह और निरंकुश कर्मचारी और अधिकारीयो को बड़े हादसे का इंतज़ार है। क्यों कि जब कस्बा के प्राचीन मंदिर दाऊ जी महाराज के मंदिर के पास से लगभग 20 मीटर की दूरी पर लगे हुए नल में करेंट उतरने जैसी बड़ी घटना सामने आयी है।

नल पर नहा रहे और पानी पी रहे लोग बाल-बाल बच गए। तभी से क्षेत्रीय लोगो में हड़कंप मचा हुआ है कि कही कोई अनजाने में बड़ी घटना नहीं हो जाय। लेकिन इससे बिजली विभाग के अधिकारियो पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। ऐसा नहीं है इसकी शिकायत क्षेत्रीय लोगो ने नहीं की हो। इसकी शिकायत ग्रामीण कई बार कर चुके है।

इतना ही नहीं अब तो बिजली विभाग के कर्मचारी फोन तक नहीं उठा रहे है। क्यों कि मोहल्ले के लोगो ने बिजली विभाग के अधिकारियों से फोन से संपर्क करने की कोशिश की और एसडीओ से लेकर जेई तक फोन किया लेकिन किसी ने भी फोन उठाना तक मुनासिब नही समझा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब अधिकारी के पास किसी का फोन तक का समय नहीं है तो वे किसी की समस्या का क्या समाधान कर पाएंगे।

वही जब इस वारे में बिजली विभाग के अधिकारियो से बात करने की कोशिश की गयी तो अधिकारी कैमरे से बचते नजर आये।