नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और चुनाव आयोग ने अच्छी तरह से मतदान संपन्न कराए हैं। हालांकि इसके बाद भी एग्जिट पोल के नतीजे देख विपक्षी पार्टियों के नेता चुनाव आयोग के काम पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। वहीं चुनाव आयोग लगातार अपनी कार्रवाई में जुटा हुआ है। यही वजह है कि चुनाव संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है।
दरअसल, आयोग की ओर से तीन बार प्रशिक्षण देने के बाद भी मतदान के दौरान लापरवाही बरतने वाले पीठासीन अधिकारियों और 15 मतदान कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है। आयोग ने इन सभी को निलंबित कर दिया है। इन सभी पर मतदान के दिन मॉक पोल के वोट डिलीट किए बिना ही मतदान कराने का आरोप लगा है। जिसके चलते चुनाव आयोग ने अब इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।
बताते चलें कि रविवार को मतदान के दिन पांच मतदान केंद्रों नालागढ़ के कश्मीरपुर, मंडी के सलवाहन, नाचन के हरवाहनी, सरकाघाट के चौक-2 और कुल्ली के ढ़ालपुर-3 पोलिंग बूथ पर मतदान कर्मचारी मॉक पोल के वोट डिलीट करना भूल गए थे। यही नहीं मतदान शुरू होने के बाद जब कर्मियों को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए ही सारे वोट डिलीट कर दिए।
इससे मॉक पोल के बाद पड़े असली वोट भी डिलीट हो गए थे। वहीं जब उच्च अधिकारियों ने इन सभी जगहों का निरीक्षण किया, तो यह गड़बड़ी सामने आई। जिसके बाद सभी जगह मतदान कर्मियों को बदल दिया गया। साथ ही ईवीएम और वीवीपैट भी सील कर बदल दी गई थी।