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सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई कर चुके डी एस हुड्डा बोले ‘सेना के हाथ कभी बंधे नहीं थे’

नई दिल्ली। सेना के एक पूर्व अधिकारी ने यूपीए शासन में हुए मुंबई हमले पर कहा था कि 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के बाद ही भारतीय सेना पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही थी लेकिन उस समय की यूपीए सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी गई थी। इस बयान के बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर दिख रही है। अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और पीएम मोदी तक ने सैन्य अधिकारी के बयान पर कांग्रेस को घेरा है।

सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए फ्री हैंड करने को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठने के बाद 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा ने शुक्रवार को कहा, ये सही है कि मोदी सरकार ने सेना को सीमा पार जवाबी कार्रवाई करने की अनुमति देने में बहुत बड़ा संकल्प दिखाया है, लेकिन सेना के हाथ उससे पहले भी बंधे हुए नहीं थे।

गोवा फेस्ट के एक कार्यक्रम में बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि, ‘सेना को खुली छूट देने के बारे में बहुत ज्यादा बातें हुई हैं, लेकिन 1947 से सेना सीमा पर स्वतंत्र है. इसने तीन-चार युद्ध लड़े हैं।

उन्होंने कहा, “नियंत्रण रेखा एक खतरनाक जगह है क्योंकि जैसा कि मैंने कहा कि आपके ऊपर गोलीबारी की जा रही है और जमीन पर सैनिक इसका तुरंत जवाब देंगे। वे (सैनिक) मुझसे भी नहीं पूछेंगे, कोई अनुमति लेने का कोई सवाल ही नहीं है। सेना को खुली छूट दी गई है और यह सब साथ में हुआ है, कोई विकल्प नहीं है।”

बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा पूर्व उत्तरी थल सेना कमांडर रहे हैं। वह अब राष्ट्रीय सुरक्षा पर कांग्रेस के कार्यबल का नेतृत्व कर रहे हैं।