दिल्ली: मंहगाई और बेरोजगारी की समस्या से तंग भारत में लगातार गिरते रुपये की कीमत ने एक बार फिर से देश को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सरकार भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी को रोकने में असफल दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि अभी रुपये में और गिरावट आ सकती है। जिसका असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी पड़ेगा। यानी अभी ईंधन की कीमत आपकी जेब पर और भी ज्यादा डाका डालेगी। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर जब डॉलर की कीमते बढ़ रही हैं, तो रुपये में इस कदर कमजोरी कैसी? क्या वजह है कि लगातार रुपये में गिरावट आ रही है।
क्यों गिर रहा रुपया?
1. ट्रे़ड वॉर
ट्रेड एक्सपर्ट की मानें तो अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध और इसके चलते वैश्विक स्तर पर लोगों का डॉलर पर बढ़ता भरोसा रुपये की इस गिरावट के लिए सबसे बड़ी वजह है। वैश्विक स्तर पर इस व्यापार युद्ध के चलते लगातार डॉलर में दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है और डॉलर की जमकर खरीदारी का जा रही है। वहीं दुनियाभर में उभरते बाजारों की मुद्राओं को नुकसान उठाना पड़ा रहा है।
2. अंतर्राष्ट्रीय स्थिति
जानकारों का यह भी कहना है कि वर्तमान में कई देशों की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है। टर्की में अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। टर्की का लीरा एक साल में डॉलर के सामने 50 फीसदी टूट चुका है। वहीं वेनेजुएला पहले से ही मंदी का दौर झेल रहा है। इंडोनेशिया का रुपया भी 20 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। अर्जेंटीना में आर्थिक आपात की स्थिति हो गई है। अर्जेंटीना का करेंसी पेसो भी डॉलर के सामने नतमस्तक हो गया है। बजट घाटे को संभालने के लिए ब्याज़ दर 60 प्रतिशत हो गया है। उधर, यूरोप के कई अन्य देश भी इन दिनों अघोषित मंदी का दौर झेल रहे हैं।
3. निवेशकों का डॉलर पर बढ़ता फोकस
ऐसे में निवेशक अपना पैसा निकालकर डॉलर खरीद रहे हैं। डॉलर की बढ़ती मांग के चलते इसकी कीमत लगातार बढ़ रही है। भारत की तेल कंपनियां भी कच्चे तेल के दाम बढ़ने की आशंका में डॉलर खरीद रही हैं। पीटीआई के हवाले से खबर छपी है कि अभी का डॉलर तब तेल ख़रीदने के काम आएगा।
आम आदमी को क्या नुकसान?
- रुपये की वैश्विक बाजार में कीमत का सीधा असर आम आदमी पर पड़ता है। बाजार में सब कुछ महंगा होने लगता है।
- रुपये की कीमत में गिरावट आम आदमी के लिए विदेश में छुट्टियां मनाने, विदेशी कार खरीदने, स्मार्टफोन खरीदने और विदेश में पढ़ाई करने को महंगा कर देता है।
- रुपये की कमजोरी से देश में महंगाई दस्तक देने लगती है। रोजमर्रा की जरूरत के उत्पाद महंगे होने लगते हैं।
- इससे सरकारी खजाने पर भी असर पड़ेगा और सरकार पर बोझ बढ़ेगा।
- आयात मंहगा हो जाएगा और मंहगाई बढ़ेगी।
- होम लोन भी मंहगा हो जाएगा। यानी आप होम लोन लेने के लिए ऐसे समय का चुनाव ना करें।
- पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होगी।