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रिकार्ड मंहगाई पर डीजल-पेट्रोल, अभी राहत की उम्मीद नहीं- वस्तु विश्लेषक

नई दिल्ली: देश में लगातार बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने आम जनता को परेशान कर रखा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम मई 2018 के बाद नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। वहीं भूराजनीतिक दबाव में आगे आपूर्ति घटने की संभावनाओं से फिलहाल कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ। वहीं एक्सपर्ट की मानें तो तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में कमी आने की अभी संभावना नहीं है। यानी देश में ईंधक की मार से आम जनता को राहत की उम्मीद मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

कमोडिटी विश्लेषक अनुज गुप्ता के अनुसार, बेंट क्रूड में 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार करने के बाद 83 डॉलर तक की तेजी देखी जा सकती है जबकि डब्ल्यूटीआई में 74 डॉलर तक का उछाल आ सकता है। अमेरिका में तेल का भंडार घटने और अमेरिकी प्रतिबंध के कारण ईरान से तेल की आपूर्ति कम होने से कच्चे तेल के दाम में तेजी का रुख बना हुआ है।

बेंट क्रूड के नवंबर डिलीवरी वायदे में बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 79.66 डॉलर प्रति बैरल तक उछाल देखा गया, जो कि 22 मई 2018 के बाद का ऊपरी स्तर है। वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई फिर 70 डॉलर के पार चला गया। शुरुआती कारोबार के दौरान डब्ल्यूटीआई में 70.14 तक का उछाल देखा गया।

अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल के भाव में तेजी रहने और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आने के कारण फिलहाल डीजल और पेट्रोल की महंगाई से निजात मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।

बुधवार को हालांकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर थीं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल का भाव 80.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल का भाव 72.97 रुपये प्रति लीटर था।

एंजेल ब्रोकिंग के उर्जा विश्लेषक व उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया है कि जब तक सऊदी अरब तेल का उत्पादन नहीं बढ़ाएगा, तब तक आपूर्ति पर दबाव बना रहेगा क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंध के कारण ईरान से तेल की आपूर्ति लगातार घट रही है।

उन्होंने कहा, “मौजूदा तेजी अमेरिका में तेल का भंडार घटने को लेकर आई है जो आगे और बढ़ सकती है क्योंकि अमेरिका तूफान के कारण तेल का उत्पादन बाधित रह सकता है। वहीं, आगे सर्दी का मौसम आने पर तेल और गैस की खपत बढ़ सकती है।”