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ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को धूमावती अमावस्या मनाई जाती है। इस बार धूमावती अमावस्या 10 जून यानि की आज है। शास्त्रों के अनुसार दस महाविद्याओं में इनका स्थान सातवां है। मां धूमावती का वाहन काक है और इसका स्वरूप अत्यंत उग्र है। इनका अवतार पापियों के नाश के लिए हुआ था। अपने पति भगवान शिव को निगलने की वजह से मां धूमावती को विधवा माना गया है और इसी कारणवश यह श्ववेत वस्त्र धारण किए रहती हैं। धूमावती अमावस्या पुण्य प्राप्ति का महान अवसर है। इस दिन माता की पूजा और दान पुण्य जरूर करें। यह दिन पुण्य प्राप्ति और तांत्रिक सिद्धियों का है।
इस दिन को बेकार के कार्यों में व्यतीत करने से बेहतर है कि किसी मंत्र की सिद्धि में समय व्यतीत करें। आइये इस विषय पर जाने-माने ज्योतिष के जानकार सुजीत जी महाराज से जानते हैं कि धूमावती अमावस्या के दिन व्यक्ति को किन-किन चीजों को करने से बचना चाहिए।
मंत्र :
ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्।।
धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।
मां धूमावती का तांत्रोक्त मंत्र
धूम्रा मतिव सतिव पूर्णात सा सायुग्मे।
सौभाग्यदात्री सदैव करुणामयि:।।
धूमावती जयंती में कैसे करें पूजा
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर के पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करके जल, पुष्प, सिन्दूर, कुमकुम, अक्षत, फल, धूप, दीप तथा नैवैद्य आदि से मां का पूजन करें।
- इस दिन मां धूमावती की कथा कहने और सुनने से काफी फायदा मिलता है।
- मां धूमावती की कृपा से इंसान के सभी पापों का नाश होता है।
- ध्यान रहे किसी भी मंत्र या उपाय का प्रयोग अपने आचार्य से पूछकर ही करें.