अध्यात्म डेस्क। आज 19 नवंबर को तुलसी पूजा का महापर्व देवउठनी एकादशी है। इस दिन तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह कराया जाता है, तुलसी की विशेष पूजा की जाती है। आज के दिन तुलसी की पूजा करने का विशेष महत्व है |आज की पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है। यहां जानिए देवउठनी एकादशी पर किस तरह तुलसी की पूजा की जा सकती है, तुलसी के सामने कौन सा मंत्र बोलना चाहिए.
तुलसी से वातावरण होता है शुद्ध
तुलसी का सबसे प्रमुख गुण है शुद्धता। तुलसी अपने आस-पास के वातावरण शुद्ध बनाती है। इसकी वजह से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, वास्तु के दोष भी दूर होते हैं।
तुलसी को चढ़ाना चाहिए जल
तुलसी पूजा करने से देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता भी मिलती है। तुलसी को रोज जल चढ़ाना चाहिए। सूर्यास्त के बाद तुलसी के बाद दीपक जलाना चाहिए।
देवउठनी एकादशी पर ऐसे करें तुलसी की पूजा
- इस दिन तुलसी के आसपास साफ-सफाई और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
- सुबह स्नान के बाद तुलसी को जल चढ़ाएं। हल्दी, दूध, कुंकुम, चावल, भोग, चुनरी आदि पूजन सामर्गी अर्पित करें।
- सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें।
- आप चाहें तो इस दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी करवा सकते हैं। अगर ये नहीं कर सकते हैं तो तुलसी की सामान्य पूजा भी की जा सकती है।
- घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए प्रार्थना करें। तुलसी नामाष्टक का पाठ करें।
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।