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इस दोष की वजह से शिवलिंग होते हुए भी भक्त नहीं कर पाते भोलेनाथ की पूजा

लखनऊ: भारत देश में हर इंसान अपनी पसंद और धर्म के अनुसार धार्मिक स्थलों पर जाता है। सभी की यही चाहत रहती है कि भगवान उनकी मनोकामनाएं पूरी करें। लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं वहां स्थित शिवलिंग की पूजा नहीं की जाती है।
दरअसल, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की तहसील में हथिया देवालय नामक मंदिर स्थित है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, किसी जमाने में एक बार किसी मूर्तिकार का एक हाथ बेकार हो गया था। इस वजह से वह एक हाथ से मूर्तियां बनाता था। सभी उससे बस एक ही सवाल पूछते थे और वह ये कि,‘एक हाथ से वह काम कैसे करेगा?’ लोग उससे यह सवाल पूछना नहीं चाहते थे, लेकिन उसकी हालत को देखकर लोग कुछ बोल नहीं पाते थे।
लेकिन बार बार ऐसे सवालों से तंग आकर उसने एक रात वहां से कहीं दूर जाने का मन बना लिया। उसने अपने औजारों को एकत्र किया और उन्हें साथ लेकर वहां से जाने लगा। जाने से पहले उसने इसी मंदिर में एक शिवलिंग का निर्माण किया। सूर्योदय से पहले निकलने के चक्कर में उसने शिवलिंग के अरघे की दिशा बदल दी और वहां से चला गया। सुबह जब लोग उस मंदिर में पहुंचे तो उन्होंने वहां पर निर्मित शिवलिंग को देखा। सभी ने देखा कि शिवलिंग का अरघा विपरीत दिशा में है।
शास्त्रों की मानें तो शिवलिंग के अरघे का विपरीत दिशा में होना एक प्रकार का दोष होता है। ऐसे शिवलिंग की पूजा से वांछित परिणाम की प्राप्ति नहीं होती है और इसी वजह से मंदिर में बनी इस शिवलिंग की आज तक पूजा नहीं की गई।