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सुप्रीम कोर्ट से क्रिकेटर श्रीसंत को राहत मिली, आजीवन प्रतिबंध हटाया

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से उनकी सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। श्रीसंत को अजीत चंदीला और अंकीत चव्हाण के साथ 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

मिली जानकारी के अनुसार, सर्वोच्च अदालत ने तेज गेंदबाज को राहत देते हुए उन पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा दिया और अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीसीसीआई से श्रीसंथ को दिए सजा पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने हालांकि श्रीसंत को अभी भी मैच फिक्सिंग का दोषी माना है।

सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत को राहत प्रदान कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की ओर से क्रिकेटर श्रीसंत को लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को हटा लिया गया है।

आपको बताते जाए कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। इसके खिलाफ श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायाधीश के.एम. जोसेफ की पीठ ने निर्णय सुरक्षित रख लिया।

बीसीसीआई ने अदालत में कहा था कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं। इस पर क्रिकेटर श्रीसंत ने कहा कि मैं स्पॉट फिक्सिंग में शामिल नहीं हूं। बीसीसीआई ने अदालत में कहा कि श्रीसंत ने उन 10 लाख रुपए के स्रोत के बारे में भी जांच समिति को नहीं बताया, जिसका जिक्रटेलीफोन पर की गई बातचीत में किया गया है।

इस पर श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने बताया कि यह बीसीसीआई को स्थापित करना है कि वह 10 लाख रुपए मैच फिक्सिंग से संबंधित हैं।