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जहां-जहां पड़े प्रियंका गांधी वाड्रा के कदम, वहां-वहां कांग्रेस का हो गया सूपड़ा साफ!

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने से पहले कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे और विपक्षियों का यह दावा था कि 2014 में बहुमत के साथ जीतने वाली भाजपा का प्रदर्शन इस बार के चुनाव में बेहद खराब रहेगा। जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी ने कहा था कि इस बार के चुनाव में 2014 से भी ज्यादा बहुमत के साथ पार्टी को जीत मिलेगी। अब जब चुनाव परिणाम आ चुके हैं, तो यह भी साफ हो गया है कि किसके दावे सही थे और किसके गलत।

चुनाव परिणाम आने के बाद यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस को खुद उसकी वजह से ही हार मिली है। जिसमें से पार्टी की ओर से की गई बेवजह बयानबाजी और अतिआत्मविश्वास मुख्य वजह है। वहीं यह भी देखने वाली है, कि कांग्रेस पार्टी ने अपने नए महासचिव को जहां-जहां प्रचार की कमान सौंपी वहां-वहां पार्टी का पत्ता साफ हो गया। हम बात कर रहे हैं प्रियंका गांधी वाड्रा की। जिनको देखकर लोग इंदिरा गांधी की छवि बता रहे थे।

चुनाव से पहले प्रियंका गांधी को कांग्रेस पार्टी की जीत का तुरुप का इक्का माना जा रहा था लेकिन परिणाम आने पर उसका उलटा असर दिखाई दिया है। उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली और हर जगह यही हाल देखने को मिला है।

इनमें सबसे ज्यादा असर तो उत्तर प्रदेश में दिखा है, प्रियंका खुद अपने भाई राहुल गांधी की सीट नहीं बचा सकीं। वहीं मां सोनिया गांधी की सीट छोड़कर अन्य सभी पर उसे हार का सामना करना पड़ा है। जबकि प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की कमान सौंपी गई थी लेकिन उनमें शामिल बाराबंकी, उन्नाव, कानपुर, फतेहपुर, झांसी, प्रतापगढ़, जौनपुर, सुल्तानपुर, और बस्ती समेत सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।