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चुनाव आयोग में EVM पर प्रत्याशियों की फोटो रंगीन लगाने हेतु पुनर्विचार याचिका दाखिल

चुनाव को लेकर कई नियम बनते और बिगड़ते रहें हैं जैसे कभी चुनाव बैलेट पेपर द्वारा निर्धारित किया जाता है तो कभी  EVM द्वारा, कुछ सरकारे बैलेट पेपर का समर्थन करतीं है तो कुछ नहीं करते… दरअसल, लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्रा नें चुनाव आयोग में EVM पर प्रत्याशियों की फोटो रंगीन लगाने हेतु पुनर्विचार याचिका दाखिल की. 

रंगीन फोटो लगाने की याचिका की दायर

जिसमें लिखा कि मुझे आयोग द्वारा 27 मार्च 2018 को भेजा पत्र No.576/3/ECI/LET/FUNC/JUD/SDR//Vol.I/2017 प्राप्त हुआ जिसमें लिखा है कि आयोग नें मेरे द्वारा EVM पर प्रत्याशियों की रंगीन फोटो लगाने हेतु भेजे गए प्रस्ताव पर विचार करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारीयों से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई और पाया गया कि प्रस्ताव संभव नहीं “Commission has considered the Proposal and has also obtained feedback from the Chief Electoral Officers, and the proposal is not found to be feasible”

EVM का नमूना

बैलेट पेपर / EVM पर प्रत्याशियों की फोटो लगानें के आदेश No.576/3/2015/SDR के पैरा 3-4 में लिखा है कि “चुनाव क्षेत्र में एक से अधिक प्रत्याशी एक समान नाम या एक समान जैसे नाम के होने से वोट डालते समय वोटर के मस्तिष्क में  भ्रम (Confusion) होता है, जिसे दूर करनें हेतु चुनाव आयोग 1 मई 2015से होने वाले चुनाव में EVM/बैलेट पेपर पर प्रत्याशियों की फोटो लगाईं जाएगी |”

उक्त आदेश के तहत बैलेट पेपर / EVM पर प्रत्याशियों की फोटो लगनें तो लगी किन्तु ब्लैक एंड व्हाइट ही लगाईं जाती है जिससे प्रत्याशी को पहचानकर वोट देनें में भ्रम बना रहता है क्यूंकि व्यक्ति की आँखें प्राकृतिक रूप से रंगीन (कलर) ही देखती है और वोटर के मस्तिष्क में प्रत्याशी की छवि रंगीन (कलर) ही स्मरण रहती है, ऐसे में वोटर बैलेट पेपर / EVM पर प्रत्याशी की फोटो रंगीन (कलर) के बजाये ब्लैक एंड व्हाइट फोटो पाता है तो उसे पहचानना मुश्किल होता है और भ्रम बना ही रहता है.

पहचानने में होती है समस्या

मैं भी एक वोटर हूँ ये घटना मेरे साथ हुई है, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में मैं अपनें क्षेत्र के एक निर्दल प्रत्याशी को शक्ल से पहचानता था क्यूंकि अक्सर वो जनहित में काम करता दीखता था और बताया था मै चुनाव लडूंगा पर बहुत नामी नहीं था, इसी कारण मैं उसे ही वोट देना चाहता था परन्तु उसकी फोटो ढूढ़ता रहा पर ब्लैक एंड व्हाइट फोटो में पहचान न सका अंततः नोटा को वोट करना पड़ा |     

चुनाव आयोग भी पहले मतदाता पहचान पत्र ब्लैक एंड व्हाइट ही बनता था परन्तु अब जरुरत महसूस करके रंगीन (कलर) बनाने लगा है ऐसे में EVM पर प्रत्याशी की फोटो रंगीन लगाना और भी जरुरी हो जाता है. EVM/बैलेट पेपर पर प्रत्याशियों की फोटो रंगीन लगाना आज के समय में बेहद आसान है क्यूंकि EVM पर पेपर प्रिंट ऊपर से लगाया जाता है लिहाज़ा कलर प्रिंट करके लगाया जा सकता है ये बिलकुल मुश्किल नहीं है.

अतः महोदय से आग्रह है कि कृपया उक्त तथ्यों, दलीलों को मद्देनज़र रखते हुए EVM पर प्रत्याशी की फोटो जो रंगीन (कलर) उपलब्ध कराये उसका रंगीन और जो ब्लैक एंड व्हाइट उपलब्ध कराये उसका ब्लैक एंड व्हाइट छापना सुनिश्चित करें जिससे वोट देनें के अधिकार का हनन न हो सके, हम पहचान कर वोट दे सकें |