यूपी बोर्ड की परीक्षा में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त कर छात्रा भाग्यश्री उपाध्याय ने गोंडा जिले का नाम रोशन किया है… गोंडा के खौराहरा गांव की रहने वाली भाग्यश्री ने यह मुकाम अपने गांव के स्कूल में पढ़कर प्राप्त किया है…
जहां सुविधाओं की कमी है। लेकिन अपनी मेहनत और लगन से भाग्यश्री ने वह कर दिखाया जो बड़े-बड़े शहरों व कॉन्वेंट जैसे स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं नहीं कर पाते है । इस सफलता से भाग्यश्री के माता पिता व परिवार के सभी सदस्य बहुत ही खुश हैं।
भाग्यश्री अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व शिक्षकों को देते हुए कहती है कि वह ऐसे ही आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं और सिविल सर्विसेज की तैयारी करते हुए आईएस अफसर बनना चाहती है। भाग्यश्री उस इलाके से आती हैं जहां बच्चों को पढ़ने के लिए जरूरी सुविधाएं न स्कूल पर मिल पाती है और ना ही घर पर।
95 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश में दूसरा स्थान पाने वाली भाग्यश्री पिछड़े जिलों में गिने जाने वाले गोंडा जिले के तराई क्षेत्र में बेलसर से हैं… जहां आए दिन बिजली की समस्या आम बात है व शिक्षा की गुणवत्ता भी शहरी इलाकों की तुलना में नग्न है। ऐसे इलाके से पूरे प्रदेश में नंबर दो स्थान लाना निश्चित ही परिवार को गर्व करने के लिए मजबूर करता है।
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भाग्यश्री के माता पिता पेशे से शिक्षक हैं.. पिताजी जहां प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं वहीं भाग्यश्री की मम्मी उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्यापिका हैं। भाग्यश्री उपाध्याय पढ़ने के साथ-साथ खेलने और डांस का भी शौक है वह पढ़ाई के साथ छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाना पसंद करती हैं। भाग्यश्री ने इस मौके पर अपने परिवार व शिक्षकों के साथ मिठाई खाकर अपनी खुशी जाहिर की।