Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

जानिये आखिर क्यों मनाया जाता है भौम प्रदोष, ये है शुभ मुहूर्त

आप सभी को बता दें कि आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि और मंगलवार का दिन है, लेकिन द्वादशी तिथि आज दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक रहेगी, उसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जायेगी और हर माह के कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है.

इस हिसाब से आज प्रदोष व्रत है और आप सभी को बता दें कि वैसे त्रयोदशी तिथि कल भी रहेगी, लेकिन कल के दिन ये सिर्फ दोपहर 02 बजकर 07 मिनट तक ही रहेगी और प्रदोष व्रत की पूजा त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल के समय की जाती है.

सूर्यास्त के बाद होता है प्रदोष काल

कहते हैं रात के प्रथम प्रहर में मतलब कि सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष काल कहा जाता है और कल के दिन प्रदोष काल के समय त्रयोदशी तिथि नहीं रहेगी. वहीं प्रदोष व्रत आज ही के दिन किया जा रहा है. वहीं ज्योतिषों के अनुसार जिस दिन प्रदोष काल होता है, उस दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत का नाम रखा जाता है आप सभी को बता दें कि आज मंगलवार है और मंगल का एक नाम भौम है इस वजह से आज भौम प्रदोष व्रत है.

वहीं बताया जा रहा है कि चन्द्रमा सायं 6 बजकर 34 मिनट तक मीन उपरांत मेष राशि पर संचार होगा और आज ही भौम प्रदोष व्रत, पंचक समाप्त सायं 6 बजकर 34 मिनट, हरिप्रबोधत्सव, गण्डमूल है.

इसी के साथ रेवती नक्षत्र सायं 6 बजकर 34 मिनट तक उपरांत अश्विनी नक्षत्र का आरंभ होगा और सिद्धि योग सायं 5 बजकर 23 मिनट तक उपरांत व्यतीपात योग का आरंभ होगा. वहीं बालव करण अपराह्न 2 बजकर 41 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ हो जाएगा.