#sakshimishra
तुम कितनी कठोर
कितनी स्वार्थी हो
लानत है तुम्हारे होने पर
तुमने 9 माह के उस त्याग को
प्रसव वेदना को अपने उस बाप के प्यार को, भुला दिया। गज़ब है तुम्हारा प्रेम वो भी उस व्यक्ति के खातिर जिससे तुम महज कुछ वर्षों से जानती हो। ग़लती तुम्हारी नही तुम अपने परिवार के किसी प्रबल प्रारब्ध की परिणाम हो तुम्हारा जन्म ही इसलिये हुआ कि तुम अपने जन्मदा जननी को अपने भाई को जीते जी मार सको।
बहन इश्क करना गुनाह नही है, प्रेमी को पाना प्रेमी के साथ रहना तुम्हारा हक़ है। पर उस बाप के लिये भी तुम्हारा कुछ फ़र्ज़ बनता है। जिस तरह अपने माता पिता के सम्मान को रौंद रही हो अपने ही शब्द बाणो से माँ बाप के हृदय को लुहलुहान कर रही हो, उसकी जितनी निंदा की जाय कम है।
तुम तो बेटी नही कसाई हो मार ही डाला उसे जिस की वजह से तुम्हारा वजूद हैं। मैं समाज के अबोध बहनो से प्रार्थना कर रहा हूँ कि इस तरह आप मत करना नही तो बेटियों को जन्म देने से लोग डर जायेंगे।किसी के खातिर किसी को इस कदर बदनाम न करो कि वो किसी का सामना ही न कर सके। मैं विधायक बाप के बारे में सोच सोच कर विह्वल हो जा रहा हूँ, आखो में नमी आ गयी है, कितना टूट गये होंगे आप! बाबू जी मत टूटिये इस ग़म को भूल पाना कितना मुश्किल होगा। जीवन भर ख़ुद को कोसते रहेंगे आप इस दर्द से कैसे निकलेंगे आप हे ईश्वर आप एक पिता को बचा लीजिये उसे हिम्मत दीजिये।
Bareilly ki Beti SakshiMishra Kash TumTak Meri Baat Pahuch Jati : Swami Ram Shankar
बरेली की बेटी साक्षी मिश्र बीती रात 4 बजे सुबह तक जगा रहा आपके पिता के पिता के विषय मैं मेरा मन सोच कर लगातार रो रहा हैं l कैसा नसीब हैं आपके जन्मदा पिता का और आज तक समाचार चैनल आप और आपकी अंजना ओम् कश्यप जी का काम बहुत महान हैंl #TRP तो बन गयी बाक़ी आपके भीतर कितनी संवेदना हैं सबको पता हैंl #sakshimishra #aajtak #rajeshmishra #bareilly #swamiramshankar
Gepostet von Swami Ram Shankar am Freitag, 12. Juli 2019
अतः में समाचार चैनल के चिरकुट पत्रकारों की पत्रकारिता को धिक्कारता हूँ जिन्होंने एक पिता को बेवज़ह चर्चा का केंद्र बना रहे हैं। मैं स्वामी राम शंकर प्रेम विवाह को हृदय से समर्थन करता हूँ। जाति धर्म से ऊपर उठकर हमको मनुष्य बनाना है पर मनुष्य बनने के इस प्रयास में यदि हम हत्या करने लगे तो ऐसे हत्यारो को मैं कभी एक सच्चे प्रेमी के रूप में स्वीकार नही करूँगा।
बिटिया याद रखना तुमने उस बाप का कत्ल किया है जिसकी वजह से तुम हो, बिटिया तुमने खुद को बचाने में अपने ही बाप को मार दिया। धन्य हो तुम और तुम्हारी मेधा। अभी भी वक्त है बाप को जिस तरह बदनाम की हो तुम्हारे सिवा कोई और तुम्हारे पिता को निष्कलंक साबित नही कर सकता। अगर आज तुम नही समझी तो देखना कल वक्त ख़ुद तुम्हे समझायेगा पर हो सकता है तुम्हारे पास अवसर न हो कि तुम्हे माफ़ी प्राप्त हो सकें।ऐसे में तुम घुट घुट के मरोगी। आलेख में स्वामी राम शंकर के निजी विचार हैं यदि इस विचार से आप असहमत है तो अपने घर रहे पेज timeline पर वाद विवाद न करे।