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राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि चित्रकूट से अटल का रहा खासा लगाव

भगवान श्रीराम की तपोभूमि एवं राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि चित्रकूट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी का खासा लगाव था। प्रधानमंत्री रहते 27 व 28 मार्च 2003 को धर्म नगरी के दो दिवसीय दौरे पर आये श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने राष्ट्रऋषि नानाजी द्वारा स्थापित दीन दयाल शोध संस्थान के माध्यम से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के चित्रकूट और सतना जिले में संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया था।

इसके अलावा भगवान श्री कामतानाथ के द्वार पर माथा टेककर पूजा-अर्चना की थी। साथ-साथ राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के साथ रामदर्शन का भी अवलोकन किया था। भगवान श्रीराम की तपोभूमि एवं जनसंघ के प्रमुख नेता रहे राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की कर्मभूमि चित्रकूट के 27 व 28 मार्च 2003 में दो दिवसीय दौरे पर देश के तत्कालीन लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने दीन दयाल शोध संस्थान के माध्यम से उत्तर प्रदेश के चित्रकूट और मध्य प्रदेश के सतना जिले के करीब 107 गांवों में स्वावलम्बन की अलख जला रहे…

राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के साथ आरोग्यधाम,उद्यमिता,रामदर्शन एवं कृषि विज्ञान केंद्र गनींवा आदि प्रकल्पों के साथ सतना जिले के पटनी गांव में संस्थान द्वारा संचालित जल संग्रहण की गतिविधियों का अवलोकन किया था।

नाना जी देशमुख ने चित्रकूट का कायाकल्प किया

उस दौरान प्रधानमंत्री श्री बाजपेयी ने कहा था कि राष्ट्रऋषि नानाजी के दीनदयाल शोध संस्थान ने चित्रकूट का कायाकल्प किया है। नवजवानों को प्रशिक्षित कर स्वावलम्बी बनाने की पहल अत्यंत सराहनीय है।

बेहत्तर भविष्य के लिए पढ़ना लिखना जरूरी

चित्रकूट जिले के गनींवा गांव में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र एवं आश्रम पद्धति विद्यालय का भी अवलोकन किया था।इस दौरान बच्चों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री श्री बाजपेयी ने कहा था कि बेहतर भविष्य के लिए पढ़ना-लिखना बहुत जरूरी है।

जब बच्चे ने पूछा अटल जी शादी क्यों नहीं की?

बच्चों से बातचीत में प्रधानमंत्री अटल जी इतने मंत्रमुग्ध हो गये की कुछ देर तक देश-दुनिया को ही भूल गये। बच्चों ने भी प्रधानमंत्री श्री अटल जी को अपने बीच पाकर फूले नहीं समाये और उनसे जमकर सवाल-जवाब किया। एक बच्चे ने तो अटल जी से यह पूछ लिया था कि आपने शादी क्यों नहीं की? जिसका अटल जी ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में जवाब दिया था कि किसी लड़की ने उन्हें पसंद ही नहीं किया।

अटल को कबड्डी खेल पसंद था

जब बच्चों ने अटल जी से पूछा कि आपको कौन सा खेल सबसे ज्यादा पसंद है, उन्होंने जवाब कबड्डी दिया था। वहीं बच्चों ने जब पूछा कि आप हमारे साथ खाना खायेगें,तब अटल जी ने जवाब दिया था कि क्या खिलायेंगें।बच्चों ने कहा कि खिलाना तो चाहते है,परंतु आपके खाना खिलाने में जांच प्रक्रिया बहुत कठिन है। इसके बाद अटल जी ने बच्चों के साथ चित्रकूट की परम्परानुसार शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण किया था।

पैरों में तकलीफ होने के कारण प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को सीढियां चढ़ने उतरने में कोई दिक्कत न हो इसलिए एसपीजी ने दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा बनाये गये रामदर्शन प्रकल्प को देखने जाने से मना कर दिया था।

जिस पर नाना जी ने अटल जी से कहा था कि मैं उम्र में आपसे बड़ा हूं,लेकिन मैं आसानी से रामदर्शन आ-जा सकता हूं,इस पर अटल जी ने एसपीजी से कहा था कि अब मैं बिना रामदर्शन देखे चित्रकूट से नहीं जाउंगा। इसके बाद उन्होंने रामदर्शन प्रकल्प का विविधत अवलोकन किया था।इस प्रकल्प में भारत के अलावा विश्व के कई देशों में होने वाली रामायण से जुडी झांकियां है।

चित्रकूट के आराध्य भगवान श्रीकामतानाथ जी के द्वार पर माथा टेक कर पूजा-अर्चना भी की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने चित्रकूट की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के सतना जिले के पाटिन गांव में दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा जल संग्रहण की दिशा में संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया था।

हथियार केवल मौत देते हैं, जीवन नहीं

इस दौरान आम जनमानस को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा था कि आज पूरे विश्व में पेट्रोल के लिए जंग हो रही है। यदि अभी नहीं चेते तो आने वाले समय में पानी के लिए जंग होगी। उन्होंने कहा था कि हथियार केवल मौत देते हैं,जीवन नहीं। दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने धर्म नगरी चित्रकूट में करीब 30घंटे व्यतीत किये थे।