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ज्योतिषीय गणना से जानिए कब बनेगा अयोध्या में राम मंदिर,ये है तारीख !

लखनऊ|

गृह निर्माण का कारक गृह प्रायः शनि को माना जाता है । यदि चतुर्थेश ,चतुर्थ भाव और कारक गृह शनि शुभ प्रभाव के साथ विराजमान हो जाय तो व्यक्ति घर बनाने या खरीदने मे सफल हो जाता है इसके साथ कुंडली के अन्य भावों का भी योग गृह निर्माण के लिए देखी जाती है।

            जैसे चतुर्थ भाव ,चतुर्थेश और शुक्र की स्थिति शुभ होने पर व्यक्ति को घर प्रॉपर्टी का अच्छा सुख मिलता है इसके विपरीत यदि ये भाव कमजोर हैं तो उस व्यक्ति को घर संपत्ति प्रपट करने के लिए बहुत परिश्रम तथा संघर्ष करना पड़ता है । वैसे चतुर्थ भाव मे शनि हो तथा शुभ युति या दृष्टि न हो तो घर /भवन निर्माण मे संघर्ष की स्थिति बनाएगा ।

मंदिर निर्माण के लिए भगवान श्री राम की कुंडली पर ज्योतिषीय गणना

  • भगवान श्री राम की कुंडली कर्क लग्न की है । लग्न भाव मे उच्चस्थ गुरु व चन्द्रमाँ दोनों विराजमान हैं ।
  • कुंडली के चतुर्थ भाव मे उच्चस्थ शनि पर दशम भाव के उच्चस्थ सूर्य की दृष्टि के कारण इन्हे घर और माता का सुख कम ही प्राप्त हुआ।
  • उनका चतुर्थ भाव शनि पर सूर्य की दृष्टि के कारण पीड़ित होने के साथ चतुर्थेश शुक्र नवांश  भाव मे केतू की युति एवं राहू की दृष्टि के कारण पीड़ित होने के कारण राम मंदिर निर्माण को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है।
  • यह सत्य है की चतुर्थ भाव पर गोचर शनि की दृष्टि भवन निर्माण करा सकती है। इस समय गोचर शनि धनु राशि अर्थात इनके छठे भाव पर गोचर कर रहा है।

  • जब शनि  प्रभु श्री राम के सप्तम भाव मकर राशि मे गोचर करेंगे तब सप्तम दृष्टि से लग्न को एवं दशम दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखेंगे और तब ही चतुर्थ भाव का फल भी सक्रिय होगा अर्थात तब अयोध्या मे राम मंदिर निर्माण अवश्य होगा।

ये है तारीख

  • यह संभावित समय वर्ष 2020 का जनवरी – फरवरी होगा, इसके पूर्व मार्च -2019 मे राहू मिथुन राशि मे जाएंगे अतः धनु राशि के गोचरस्थ शनि की दृष्टि राहू पर पड़ेगी तब मंदिर निर्माण पर राजनीति अवश्य होगी किन्तु परिणाम सामने नहीं आयेगा |
    आचार्य राजेश जी