Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

अखिलेश यादव ने बताया, क्यों महागठबंधन से कांग्रेस को रखा गया बाहर…

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी से टक्कर लेने के लिए 24 सालों की खटास भूल कर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने हाथ मिलाया है। सपा-बसपा के इस गठबंधन में कांग्रेस को शामिल न किये जाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे थे।

सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि चुनावी अंकगणित को ठीक करने के लिए इस बार कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा गया है। अखिलेश यादव के इस जवाब से राजनीतिक गलियारों में एक और विमर्श शुरू हो गया है।

चुनावी गणित देखें तो ऐसा माना जाता है कि जो उत्तर प्रदेश जीतता है देश की जीत भी उसी के हाथ होती है। इसी के चलते इस बार उत्तर प्रदेश में 24 सालों पुरानी रंजिश भुलाकर सपा बसपा ने गठबंधन कर लिया है। लेकिन कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर रखने के सवालों पर अखिलेश ने जवाब देते हुए इसे चुनावी अंकगणित के तहत लिया गया निर्णय बताया है।

कांग्रेस को गठबंधन में शामिल न करे के सवालों पर एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में आपा प्रमुख अखिलेश ने कहा, ”अपने कार्यकाल में तमाम विकास कार्यों के बावजूद हम विधानसभा चुनाव हार गए, क्योंकि चुनावी अंकगणित ठीक नहीं था। इसलिए हमने बीएसपी और आरएलडी को साथ लेकर और कांग्रेस के लिए 2 सीट छोड़कर अंकगणित ठीक कर लिया।”

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव में सपा कांग्रेस के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी। हालांकि इस सपा-कांग्रेस गठबंधन ने चुनावों में दोनों दलों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।लेकिन इस बार लोकसभा चुनावों के लिए सपा बसपा ने चुनावी अंकगणित को ध्यान में रखते हुए गठबंधन बनाया है।

इसके तहत 38 सीटों पर बीएसपी और 37 सीटों पर एसपी लड़ेगी। वहीं इसमें अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के लिए 3 सीटें छोड़ी गई हैं। कांग्रेस को शामिल तो नहीं किया गया लेकिन इसमें कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी की सीट छोड़ी गई है।