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AIMPLB ने किया पलटवार: ‘तीन तलाक’ की तुलना योगी ने द्रौपदी के चीरहरण से की

लखनऊ: ‘तीन तलाक’ के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवाज उठाने से मुसलमानों की इस प्रथा पर चल रही बहस के तूल पकड़ने के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस मुद्दे पर जो चुप हैं, वे इसका पालन करने वालों की तरह ही दोषी हैं।

जानकारी के अनुसार ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएसपीएलबी) ने मुस्लिम महिलाओं को पीड़ित बनने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से तीन तलाक के खिलाफ एक सख्त कानून का मसौदा तैयार करने को कहा, ठीक वैसा ही जैसा सती प्रथा पर प्रतिबंध के लिये था। धुर दक्षिणपंथी हिंदू ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है जिसमें कहा गया था कि मुसलमानों को अपने पसर्नल लॉ का पालन करने का संवैधानिक अधिकार है जिसका तीन तलाक हिस्सा है। साथ ही, समुदाय को पेश आ रही सारी समस्याओं के लिए सुन्नी संगठन को जिम्मेदार ठहराया।

एआईएमपीएलबी ने मुस्लिम पसर्नल लॉ में किसी बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करते हुए कहा कि यह एक आचार संहिता जारी करेगा, जिसके तहत तीन तलाक को शरिया में जिक्र किए गए वैध वजह के बगैर बताने वाले लोगों को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।  कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी छवि वाले आदित्यनाथ ने तीन तलाक के ज्वलंत मुद्दे पर राजनीतिक वर्ग की चुप्पी पर सवाल उठाया। तीन तलाक पर नेताओं की चुप्पी और महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण के बीच तुलना करते हुए योगी ने लखनऊ में कहा कि राजनीतिक वर्ग में चुप्पी साधे हुए मौजूद लोगों को अपराध और उसमें साथ देने वालों के साथ कठघरे में खड़ा किए जाने की जरूरत है।

योगी ने कहा कि तब कोई बोल नहीं पाया था, केवल विदुर ने कहा था कि एक तिहाई दोषी वे व्यक्ति हैं, जो यह अपराध कर रहे हैं, एक तिहाई दोषी वे लोग हैं, जो उनके सहयोगी हैं, और तिहाई वे हैं जो इस घटना पर मौन हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शेखर के 91 वें जन्म दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की थी।

इस पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए एआईएमपीएलबी ने योगी की टिप्पणी को ‘जाहिलाना’ बताया। योगी ने लखनऊ में तीन तलाक के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग देश की इस (तीन तलाक) ज्वलंत समस्या को लेकर मुंह बंद किए हुए हैं, तो मुझे महाभारत की वह सभा याद आती है, जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तब द्रौपदी ने उस भरी सभा से एक प्रश्न पूछा था कि आखिर इस पाप का दोषी कौन है।

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