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AAP पार्षद ने की मेयर पर टिप्पणी, 15 दिन के लिए हुए निलंबित

मंगलवार को आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सीलिंग और एमसीडी कर्मचारियों की मांगों के समर्थन में एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर में धरना दिया और जमकर नारेबाजी की. इस धरने में तीनों एमसीडी के ‘आप’ पार्षद शामिल हुए और सीलिंग को रोकने के साथ साथ सफाई कर्मचारियों और डीबीसी कर्मचारियों की मांग माने की अपील की.

धरना देने के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने नार्थ एमसीडी की सदन की बैठक में भी इस मुद्दे को जमकर उठाया. इसी गहमागहमी के बीच आम आदमी पार्टी के पार्षद राम नारायण भारद्वाज ने मेयर प्रीति अग्रवाल पर टिप्पणी कर दी जिसके बाद रामनारायण को 15 दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया. उनके अलावा सदन में दुर्व्यवहार के कारण अन्य ‘आप’ पार्षद अजय शर्मा को भी 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया.

इस फैसले से नाराज आप पार्षदों ने विरोध जताया, जिसके बाद सदन में मार्शलों को बुलाना पड़ा. मेयर पर टिप्पणी के कारण सदन में आम आदमी पार्टी और बीजेपी पार्षदों के बीच जमकर बहस हुई और दोनों ही पार्टियों के पार्षदों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए.

सदन की बैठक की अध्यक्षता उत्तर दिल्ली की महापौर प्रीति अग्रवाल ने की. उन्होंने बताया ‘दो आप पार्षदों… राम नारायण और अजय शर्मा को दुर्व्यवहार के कारण 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है. उन पर सफाई कर्मियों को नियमित किए जाने तथा उनके वेतन एवं अन्य बकायों के भुगतान संबंधी दस्तावेजों को फाड़ने का आरोप है.’

हंगामा बढ़ने के कारण सदन की कार्यवाही करीब 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. बैठक के बाद AAP ने अपने पार्षद के निलंबन को तानाशाही करार दिया और कहा कि सीलिंग के अलावा सफाई और डीबीसी कर्मचारियों के मसले को वो आगे भी उठाते रहेंगे. आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि बीते 15-20 सालों से काम करते आ रहे सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए, जिससे उन्हें अन्य कर्मचारियों की ही तरह सरकारी सुविधाएं मिल सके.

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्षदों ने भी मंगलवार को हड़ताली कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी मांगों का समर्थन किया है. मंगलवार को नार्थ एमसीडी और साउथ एमसीडी में कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल और अभिषेक दत्त ने हड़ताली कर्मचारियों से मुलाकात की थी.

इधर, मंगलवार को एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर में काम करने वाले और वहां काम से आये लोग करीब 2 घंटे तक बंधक की तरह कैद हो कर रहने पर मजबूर रहे. दरअसल, सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी मांगों के लिए सिविक सेंटर के सामने धरना दिया और प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में कई सौ सफाई कर्मचारी सिविक सेंटर के बाहर इकट्ठा हुए और सिविक सेंटर के सभी गेटों पर बारी-बारी से ताला लगा दिया गया.

दोपहर 12 बजे से लेकर 2 बजे तक सीवीक सेन्टर पूरी तरह से बंधक बना रहा. इस तालेबंदी के कारण ना तो कोई सिविक सेंटर के अंदर आ पाया और ना ही कोई बाहर जा पाया. हालात ये थे कि सिविक सेंटर के अंदर मौजूद लोग एक गेट से दूसरे गेट तक भागते रहे कि शायद कोई सा गेट खुला मिले और वो बाहर जा सकें. वहीं, सीवीक सेंटर के बाहर सैंकड़ों लोग अंदर आने की जद्दोजहद में लगे रहे.

बाहर रह गए पार्षद

मंगलवार को सिविक सेंटर में नार्थ एमसीडी की 2 बजे सदन की बैठक थी जिसमे मेयर और अधिकारियों समेत सभी 104 पार्षदों को शामिल होना था, लेकिन तालाबंदी के कारण मेयर और अन्य पार्षद तय वक्त पर अंदर नही पहुंच सके. नतीजतन बैठक का वक्त 1 घंटे आगे बढ़ाया गया और बैठक 3 बजे शुरू हुई.

ये है मांगें

सफाई कर्मचारियों की मांग है कि साल 1998 से अब तक के सभी सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए. इसके अलावा सभी सफाई कर्मचारियों को मेडिकल कैशलेस कार्ड दिए जाएं और हर महीने की सात तारीख से पहले सैलरी दी जाए.