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Lakhimpur: 66.37 प्रतिशत हुआ जिले का  मतदान

Lakhimpur/Dev Srivastava: दो महीने से चल रही उठापटक के बाद आखिरकार मतदान की घड़ी आ गई। सुबह से ही मतदाताओं में खासा उत्साह नजर आया। देर शाम तक ओवरआल लगभग 70.49 प्रतिशत मतदान हो चुका था। सबसे ज्यादा मतदान कस्ता में जबकि सबसे कम मतदान जिला मुख्यालय में दर्ज किया गया।
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शुरुवात हुई धीमी,शाम तक 70.49 प्रतिशत तक पहुंचा मतदान
  • बुधवार को सात बजे दूसरे चरण का मतदान शुरू हुआ। लखीमपुर सहित सभी विधान सभा क्षेत्रों में शुरुआत में गति धीमी रही। सुबह नौ बजे तक 10.55 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके बाद दो घंटे बाद 11 बजे तक 21 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
  • फिर मतदान की गति ने तेजी पकड़ी। तेजी के चलते एक बजे तक ओवरआल मतदान 44.13 प्रतिशत तक पहुंचा। एक बजे के बाद मतदान की गति फिर से धीमी पड़ी। दो घंटे के बाद जब आंकड़े जुटाए गए तो मतदान 54.38 प्रतिशत तक दर्ज हुआ।
  • शाम पांच बजे 11.99 प्रतिशत बढ़ौत्तरी के साथ यह आंकड़ा 66.37 प्रतिशत तक पहुंच गया। पोल फाइनल करने तक कुल 70.49 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था।
  • पांच बजे तक मिले आंकड़ों के मुताबिक आठ विधान सभाओं में सबसे अधिक मतदान के मामले में श्रीनगर विधान सभा अव्वल रही। यहां 78.83 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ। दूसरे नंबर पर मोहम्मदी विस रही जहां 72 प्रतिशत मतदाताओं ने मत डाले। तीसरे नंबर गोला विधान सभा रही जहां 71.3 प्रतिशत मत पड़े। 71.2 प्रतिशत मतदान के साथ कस्ता चौथे स्थान पर रही। निघासन में 68.82 प्रतिशत मतदान हुआ। पलिया में 67.95 फीसदी मतदान का प्रयोग किया गया। फिर धौरहरा में 67.3 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। सबसे कम मतदान लखीमपुर में हुआ जहां महज 67 प्रतिशत ही मतदान हुआ।
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सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम

  • सुरक्षा के ऐतबार से पुलिस बल व ब्लैक कमांडों तैनात रहे। प्रत्याशियों के एजेंट बूथ से निर्धारित दूरी पर अपना स्टाल लगाए आते-जाते मतदाताओं को मत पर्ची बांटते रहे। कई जगहों पर वाहनों की आवाजाही रोंकी गई।
  • जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी आकाश दीप व पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा सहित सीओ, एसडीएम व रिटर्निंग आफीसर मतदान केंद्रों का निरीक्षण करते रहे। कई जगहों पर अव्यवस्थाएं भी नजर आईं। महिलाओं, पुरुषों, वृद्धों व विकलांगों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया। 
  • निघासन के अनुसार, बुधवार को निघासन विधानसभा का चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान में पूरे इलाके में साढ़े चौंसठ फीसदी वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान तमाम बुजुर्गों और दिव्यांगों ने भी वोट डाले। नए वोटरों में वोटिंग को लेकर खासा उत्साह दिखा।

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कहीं कहीं ईवीएम में खराबी की भी शिकायत

  • सिंगाही के राजा प्रताप विक्रम शाह इंटर कालेज में बने बूथ नंबर 130 की ईवीएम करीब आठ बजे खराब हो गई। इसे एक घंटे बाद ठीक किया गया। इस दौरान मतदान बंद रहा। दरेरी के बूथ नंबर 231 पर भी ईवीएम खराब हो गई थी।
  • एसडीएम को इसकी जानकारी होने के बाद मशीनें बदलवाई गईं। निघासन के जिला पंचायत इंटर कालेज के बूथ नंबर 78 और 79 सहित कई अन्य जगहों के बूथों पर ईवीएम पर लाइट की अच्छी व्यवस्था न होने से बुजुर्ग और आंखों से कमजोर लोगों को चुनाव निशान देखने में दिक्कत आई। इस दौरान हर पोलिंग सेंटर और बूथ सहित प्रमुख सड़कों, चौराहों व अन्य जगहों पर पुलिस व अन्य सुरक्षा बल मौजूद रहा। इलाके में हर जगह बाजार व दुकानें बंद रहीं। 

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ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार 

  • इलाके मांझा गांव को जाने रास्ते पर पडऩे वाली जौराहा नदी पर पुल न बनने से नाराज ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया। इसके चलते वहां मात्र वोट ही पड़े।
  • इलाके की ग्राम पंचायत मांझा के बूथ संख्या 152 पर मांझा, चौगुर्जी, कढ़िलेपुरवा व बघौडिय़ा के वोट पड़ते हैं और यहां पर कुल 915 मतदाता हैं।
  • इन गांवों को सिंगाही कस्बे से जोडऩे वाले रोड पर पडऩे वाली जौराहा नदी पर पुल न बनने से यहां के मतदाता नेताओं से नाराज थे। इसको लेकर उन्होंने मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया था।
  • जिसके बाद से पुलिस और प्रशासन मतदान कराने को लेकर प्रयास कर रहा था। इसके बाद भी बुधवार को मतदान के दिन जब मतदान शुरू हुआ तो कोई ग्रामीण बीजेपी को छोड़कर किसी पार्टी या प्रत्याशी का पोलिंग ऐजेंट नहीं बना।
  • चार गांवों में से केवल चौगुर्जी गांव के 218 लोगों ने ही अपने मत का प्रयोग किया बाकी सब ने अपना विरोध दर्ज कराया।
  • बेहजम में बीएलओ अल्ताफ ने मतदाताओं को पर्चियां ही नहीं बांटी। जब पर्चियां लेने बूथ पर गये तो मतदाताओं से अभ्रदता की। जिससे जनता भड़क गई और हो-हल्ला किया।

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