Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

पलिया प्रभारी निरीक्षक का कारनामा,मजदूरी मांगने पर लगायी धारा 151

देव श्रीवास्तव
पलियाकला-खीरी।
रस्सी को सांप बनाने में माहिर प्रभारी निरीक्षक पलिया विपिन कुमार सिंह ने एक और नया कारनामा कर दिखाया तहसील दिवस में मजदूरी की मांग को लेकर दिए गए प्रार्थना पत्र पत्र में दोनों पक्षों को बुलाकर पीड़ित पर ही समझौते का दबाव बनाते हुए ना मानने पर दूसरे पक्ष सहित पीड़ित का भी धारा 151 में चालान कर दिया|
जानकारी के अनुसार गंगाराम पुत्र भागीरथी व अरविंद निवासीगण ग्राम श्रीनगर ने पांच दिसंबर को पलिया में आयोजित तहसील दिवस में एक प्रार्थना पत्र देकर ठेकेदार रामसागर, रामाधार, मनोज व विनोद पुत्रगण रामसागर निवासी ग्राम श्रीनगर से बकाया 52 हजार रुपए मजदूरी दिलाए जाने की गुहार लगाई थी। पीड़ित ने बताया था कि मुंबई सेंट्रल में गैमन इंडिया कंपनी में ले जाकर उनसे कई महीनों तक मजदूरी कराई गई, लेकिन पूरा मजदूरी का पैसा नहीं दिया गया। पीड़ित की बहन की शादी होने के चलते जब उसने ठेकेदार से पूरा पैसा मांगा तो वह आमादा फौजदारी पर उतर आया। जिससे परेशान होकर पीड़ित गंगाराम व अरविंद ने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था। मंगलवार को कोतवाली पलिया में ठेकेदार व गंगाराम को बुलाया गया और गंगाराम पर ही समझौते का दबाव पुलिस बनाने लगी। गंगाराम ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक व एसएसआई ने 24 हजार रुपए लेकर ही समझौते पर साइन किए जाने का उस पर दबाव बनाया जाता रहा। न मानने पर उसे जबरन कोतवाली में बैठा लिया गया और जेल भेजने की भी धमकी दी गई। जब उसके साथ आए लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस क्षेत्राधिकारी पलिया व अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया से फोन पर की तो उन्हें भी कोतवाल ने झगड़ा बताकर दोनों पक्षों को बैठाने का झूठा षड्यंत्र रच डाला और उच्चाधिकारियों से शिकायत हो जाने से भन्नाए कोतवाल ने सुबह होते ही दोनों को पुराना झगड़ा दर्शाकर धारा 151 में चालान कर दिया। इस तरह योगी शासन में पुलिस सरकार की मंशा की किस तरह धज्जियां उड़ा रही है यह जीता जागता उदाहरण है कि पीड़ित को ही पुलिस ने जेल भेज दिया।