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जहरीला पानी पीने से चालीस भेड़ों की हुई मौत, 50 से ज्यादा घायल…प्रशासन मौन

कासगंज में गंगा की तलहटी में चर रही एक ही व्यक्ति की चालीस भेड़ें गंगा की तलहटी में भरे जहरीला पानी पीने से मर गईं और पचास से अधिक की हालत गम्भीर बनी हुई है।

वहीं इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद किसी सरकारी अफसर के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है और अब तक कोई सरकारी मदद पीड़ित परिवार तक नहीं पहुंच सकी है।

चरवाहे गिरीश के परिवार में मातम छाया हुआ है। वहीं चरवाहे गिरीश ने किसी षणयंत्र के तहत गंगा में बने गड्ढे के पानी मे जहरीला पदार्थ मिलाने की बात कही।

सिकन्दरपुर वैश्य के कादरगंज गांव का मामला 

आपको बता दें, मामला कासगंज जनपद की पटियाली तहसील के थाना सिकन्दरपुर वैश्य के कादरगंज गांव का है जहां गंगा के एक हिस्से में पानी न होने के कारण बिना पानी वाले हिस्से में चरवाहे अपने जानवर चराते हैं। ऐसे ही ग्राम कादरगंज निवासी चरवाहा गिरीश प्रतिदिन अपनी तीन सौ भेड़ें गंगा की तलहटी में चराने के लिए लेकर जाता था रोज़ की भांति आज भी गिरीश अपनी भेड़ों को चरा रहा था कुछ प्यासी भेड़ें गंगा में एक जगह भरे पानी को पीने लगीं पानी पीते ही भेड़ें अचेत हो गयीं यह देख कर चरवाहे गिरीश के हाथ पांव फूल गए।

जब तक वह कुछ समझ पाता उसकी चालीस भेड़ों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। लगभग पचास भेड़ो की हालत गम्भीर हो गयी। गिरीश ने बताया कि कुछ लोगों की राय पर हमने कुछ भेड़ों को सरसों का तेल पिलाया जिससे उनकी हालत में सुधार हुआ। चरवाहे गिरीश ने गंगा की तलहटी में भरे पानी मे षड्यंत्र के तहत ज़हरीला पदार्थ मिलाने की बात कही।

चालीस भेड़ों की हुई मौत 

चरवाहे गिरीश के परिवार में पत्नी सहित चार बेटियां हैं और एक बेटा है पूरे परिवार का भरण पोषण इन भेड़ो पर ही निर्भर है।अब जब कि गिरीश की चालीस भेड़ें मर चुकीं है तो परिवार इतने बड़े हुए नुकसान को झेल नही पा रहा है जिस कारण परिवार में मातम छाया हुआ है। सबसे ग़ौर करने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी घटना घटने के बाद भी पीड़ित परिवार की मदद करना तो दूर की बात किसी प्रशासनिक अधिकारी ने घटना स्थल का मुआयना तक करना ज़रूरी नहीं समझा।

वहीं इस घटना से व्यथित चरवाहे की पत्नी कुसुम का रो रो कर बुरा हाल है और वह प्रशासन से मदद की गुहार लगा रही है और कह रही है कि कैसे उसकी बेटियों की परवरिश होगी,पाई पाई जोड़ कर भेड़ें खरीदीं थीं,रोज़ कुंआ खोद कर पानी पिअत हैं सरकार हमारी कुछ मदद करे कुछ आर्थिक सहायता प्रदान करे। 

फिलहाल पीड़ित चरवाहे गिरीश के परिवार को सरकारी मदद की दरकार है और उसका पूरा परिवार प्रशासन की ओर टकटकी लगाकर मदद की बाट जोह रहा है। अब देखना होगा कि सरकार द्वारा पीड़ित को कब तक मदद मिल पाती है। जब इस वारे में अधिकारियो से बात करने की कोशिश की तो वे कैमरे के सामने कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।