Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

4 माह के ऊंचे स्तर पर पहुंचा सोना, ये हैं वजहें

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को सोने की कीमत करीब 4 महीनों के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही कि दुनिया की प्रमुख करेंसीज के मुकाबले अमेरिकी डॉलर कमजोर होकर लगभग तीन साल के निचले स्तर पर आ गया।

हाजिर बाजार में सोने की कीमत 0.3 फीसदी बढ़कर 1,342.50 डॉलर प्रति औंस हो गई, हालांकि यह 1,344.44 डॉलर के ऊंचे स्तर तक गया। पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में लगातार 5वें हफ्ते तेजी दर्ज की गई और कुल मिलाकर 1.4 फीसदी बढ़त रही। अमेरिका के वायदा बाजार में भी सोने की कीमत 0.5 फीसदी बढ़कर 1,341.90 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर जा पहुंची। कॉमेक्स पर सोने की कीमत 1,345 डॉलर और चांदी 1,755 सेंट रहा।

ओएएनडीए के एपीएसी ट्रेडिंग प्रमुख स्टीफन इनस ने कहा, “हालांकि कमजोर डॉलर सोने में तेजी को हवा-पानी दे रहा है, लेकिन निवेशकों की नजर मध्य-पूर्व के देशों में भू-राजनीतिक तनाव पर है।”

इनस का कहना है कि ईरान इस साल भू-राजनीतिक जोखिम के केंद्र में है। खास तौर पर परमाणु समझौते की शर्तों को लेकर ईरान के बारे में अमेरिका के रुख की वजह से। ऐसे हालात में निवेशकों को लगता है कि आगे चलकर सोना और चढ़ेगा।

तेहरान ने बढ़ाया भू-राजनीतिक तनाव

ईरान का रुख – 

ईरान के राष्ट्रपति ने रविवार को कहा था कि अमेरिका तेहरान और प्रमुख शक्तिशाली देशों के बीच परमाणु समझौते को कमजोर करने में विफल रहा है। उन्होंने इसे ईरान के लिए बड़ी जीत करार दिया।

अमेरिका की चेतावनी –

शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप को ईरान के साथ समझौते में खामियों को ठीक करने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने चेताया था कि ऐसा न होने पर अमेरिका इससे अलग हो जाएगा।

बेरोजगारी घटना भी मुसीबत –

डॉलर इंडेक्स 0.2 फीसदी गिरकर 90.810 पर आ गया। इससे पहले यह 90.622 तक आया, जो जनवरी 2015 से लेकर अब तक का सबसे निचला स्तर है। दरअसल बोस्टन फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष एरिक रोजेनग्रेन ने शुक्रवार को कहा था कि हालिया आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में बेरोजगारी कम हुई है। इसकी वजह से वहां महंगाई बढ़ सकती है। ऐसे में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरें बढ़ा सकता है। नतीजतन अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की गिरफ्त में आ सकती है। यह स्थिति सोने में तेजी को बढ़ावा देने वाली है।

मनी मैनेजरों ने बढ़ाया निवेश –

सोने में तेजी को हवा अमेरिका के “कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (सीएफटीसी)” के आंकड़ों से भी मिली। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि हेज फंड्स और मनी मैनेजरों ने 9 जनवरी को खत्म हफ्ते में कॉमेक्स गोल्ड और सिल्वर कांट्रैक्ट्स पर अपने-अपने नेट लॉन्ग पोजीशन बढ़ाए हैं। इसने गोल्ड मार्केट का सेंटीमेंट मजबूत बनाने का काम किया।

आगे क्या –

रॉयटर्स के तकनीकी विश्लेषक वांग ताओ का कहना है कि सोना निकट भविष्य में 1,357.54 डॉलर प्रति औंस का स्तर छू सकता है। इसका मतलब है कि सोने में अब भी दमखम बाकी है।