मोदीनगर के एसडीएम अतुल कुमार को हटाने की मांग जोर पकड़ी कई लोगो ने लगाया लखनऊ में डेरा
एसडीएम पर है बड़ा आरोप
गाजियाबाद मोदीनगर के एसडीएम अतुल कुमार के भ्रष्टाचार की गूंज अब राजधानी लखनऊ में भी गूंजनी शुरू हो गई है। नगर पालिका परीषद मोदीनगर के सभासद लोकेश कुमार ढोडी के साथ वह के कई समाजसेवी संगठनों ने राजधानी आकर उनके भ्रष्टाचार की शिकायत जनता पार्टी कार्यालय में बैठने वाले प्रभारी मंत्री जनसुनवायी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल राम नाईक से कर उनके निलंबन या स्थानांतरण की मांग की हैं।
एसडीएम अतुल कुमार पर सभासद लोकेश कुमार ढोडी ने लगाये आरोप
मोदीनगर के एसडीएम के भ्रष्टाचार से त्रस्त ये लोग कई दिनों से राजधानी में डेरा डाले हुए हैं.इन्होने भाजपा के कई बड़े नेताओ व शासन के आला अधिकरियो से को भी एसडीएम अतुल कुमार के भ्रष्टाचार की शिकायत की है। नगर पालिका परिषद मोदीनगर के सभासद लोकेश कुमार ढोडी उनके भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा दिखाते हुए बताते है की अतुल कुमार अपने भ्रष्टतम रवैये के कारण मोदीनगर में विख्यात है। उनके खुलेआम भ्रष्टाचार से प्रदेश के योगी सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। मोदीनगर तहसील के अधिकारियो के साथ मिलकर वह करोडो की लूट करते है मोदीनगर में जमीन का खेल 143 खुलेआम किया जा रहा है। अकेले एसवडीएम अतुल कुमार के कार्यालय में 143 के २०० मामले हो गए है। ढोडी जी बताते हैं की अतुल कुमार प्रदेश अधिकारी है, जो की काफी समय से यहां जमे हुए है। वह पिछली सपा की सरकार में भी भ्रष्टाचार में लिप्त थे और अब भी भ्रष्टाचार में डूबे हुए है। वह खुलेआम डंके की चोट पर कहते है की भाजपा सरकार में उनका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे में हुई मनमानी
ढोडी के अनुसार मोदीनगर के नाला निर्माण व जीटी रोड पर एलईडी में भी एसडीएम अतुल कुमार ने करोड़ की लूट की है. इसके साथ ही रोक के बावजूद छेत्र में खुलेआम खनन जारी है तथा उनके द्वारा संरछण प्राप्त भूमाफियाओ की भी मौज है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के लिए दिए जाने वाले मुआवजे में भी अतुल कुमार ने ही मनमानी की तथा बिना काम पूरा हुए कई ठेकेदारों को पूरा पेमेंट कर दिया।
ढोडी जी ने बताया की 65 बीघा जमीन जिसकी कमर करोडो में है, 1985 में इस जमीन की लीज समापत हो गई थी, फिर भी एसडीएम अतुल कुमार ने इसको अब तक कब्जे में नहीं लिया। लोगो का आरोप है हर माह इस जमीन के किराए के रूप में एसडीएम के पास एक निश्चित राशि आती है।