गुजरात के शहर अहमदाबाद के लिए शनिवार का दिन महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहा। यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के 41वें सेशन में अहमदाबाद को भारत के पहले वैश्विक धरोहर वाले शहर के रूप में मान्यता दे दी है। यह जानकारी यूनेस्को में भारत की राजदूत व स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने अपने ट्विटर हैंडल से खुशी जाहिर करते हुए कहा है, ‘यह घोषित करते हुए मैं बहुत खुश हूं कि यूनेस्को द्वारा अहमदाबाद को भारत का पहला विश्व धरोहर वाला शहर घोषित किया गया है।
करीब नौ सौ वर्ष पुराने इस शहर की प्राचीनता, सभी धर्मों में एकता, वैश्विक धरोहरों के आधार पर यूनेस्को ने इसे हेरिटेज सिटी घोषित किया है।
क्यों ख़ास है अहमदाबाद
- छह सौ वर्ष पहले अब्दाली ने दिया था नाम.
- 11वीं शताब्दी में नाम था अशावल, फिर कर्णावती पड़ा।
- साबरमती नदी के किनारे बसे इस शहर में ही महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम भी है।
- नए अहमदाबाद की स्थापना 26 फरवरी 1411 ईस्वी को अहमदशाह ने की थी। हालाँकि, 11वीं शताब्दी में यह अशावल के नाम से जाना जाता था जिसका नाम बाद में कर्णावती पड़ा।
- अहमदाबाद के साथ इस दौड़ में दिल्ली और मुंबई भी थे लेकिन पीछे रह गए।
- शहर की 26 धरोहर ऐसी हैं जिनका रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करता है। साथ ही 1915 से 1930 तक महात्मा गाँधी यहां पर रहे हैं।