सीतापुर/लखनऊ:
चौका नदी मुहाने पर कब्जा जमाए भूमाफियों और प्रसाशन की उदासीनता के विरुद्ध संघर्षरत ए.ऍफ़.टी.बार एसोसिएशन,लखनऊ ने कुछ दिन पहले सीतापुर जनपद के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की थी की नदी के मुहाने को खाली कराया जाय लेकिन,इस मामले पर प्रशासन अभी तक मौन है.
मुख्य सचिव को भी लिखा पत्र
आपको बता दें की बार ने 23 जून को मुख्य-सचिव, उत्तर-प्रदेश को पत्र लिखकर सीतापुर के जिलाधिकारी पर उपेक्षापूर्ण व्यवहार के लिए कार्यवाही करने और नदी जल मार्ग को खाली कराने की मांग की है. ए.ऍफ़.टी. बार के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रशासन के इस उपेक्षित व्यवहार से हमारी बार काफी आहत है क्योकि, यह विषय जनपद के बेहता, रेउसा, बिसवां, महमूदाबाद और रामपुर-मथुरा ब्लाक के बहुत बड़े हिस्से में निवास करने वाली जनता के हितों के साथ-साथ पारिस्थितिकी-तंत्र के असंतुलन से जुड़ा है. विजय पाण्डेय ने कहा कि यह निराशाजनक है कि प्रशासन संवेदनशील मुद्दों पर भी असामाजिक तत्वों के खिलाफ कदम नहीं उठाती जो अंततः हिंसक कार्यवाहियों को जन्म देता है जिसका परिणाम सामाजिक समरसता के सर्वदा विपरीत होता है.
सरकार धैर्य की परीक्षा न ले
पूर्व कोषाध्यक्ष आर.चन्द्रा ने बड़े संघर्ष की मांग की और कहा कि सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा न ले. संयुक्त-सचिव पंकज कुमार शुक्ला ने रोष व्यक्त करते हुए प्रशासनिक मिली-भगत पर वहा की जनता को साथ लेकर बड़े संघर्ष की तैयारी करने की मांग की.मौके पर बार के पूर्व अध्यक्ष आलोक माथुर, सुनील शर्मा, कौशिक चटर्जी, यशपाल सिंह, राजीव सिंह, वी.पी.एस.वत्स, डा.सी.एन.सिंह, भानु प्रताप सिंह, विशाल भटनागर, अनुराग मिश्रा, पारिजात बेलोरा, श्रीमती कविता मिश्रा, सुश्री कविता सिंह, सुश्री हेमलता, वी.पी.पाण्डेय, डी.के.पाण्डेय. ललित कुमार, डा.आशीष अस्थाना, सूर्य भान सिंह, जे.एन.राय, , आर.एन.त्रिपाठी, आर.के.सिंह. इशराक फारुकी, के.के.एस.बिस्ट एवं आर.डी.सिंह इत्यादि अधिवक्ता उपस्थित थे.