अध्यात्म डेस्क:
सपने सभी दखते हैं कुछ जागते हुए तो कुछ सोते हुए| हर सपने के कुछ मायने होते हैं.ज्योतिषविदों का मानना है कि व्यक्ति की योजनायें स्वप्न के अधीन आती हैं.तो आज इन्ही सपनो के बारे देते हैं कुछ और जानकारी…
स्वप्न तीन तरह के होते हैं:
- जागृत अवस्था का स्वप्न- यह अपने पुरुसार्थ से पूरा होता है.
- तुरिये स्वप्न- यह स्वप्न स्वयं बनता या पूरा नहीं होता है बल्कि परिस्थितियां इसे पूरा करती हैं.
- चारण स्वप्न- यह स्वप्न प्रारब्ध की उर्जा से पूरा होता है,यह दाहिने मष्तिष्क की देन होती है.
सपनों के क्या हैं मायने:
- ऐरावत हाथी,सफ़ेद हाथी,गाय-बछड़ा,बगीचे के बीच में मंदिर,बच्चे के साथ महिला,स्वयं को गोबर में पाना जैसे सपने लक्ष्मी लाभ के प्रतीक होते हैं.
- चिल्लाना,लोगों को बिलखते देखना और स्वयं को मृत देखना स्वास्थ्य लाभ का प्रतीक होता है.
- इंद्र के नंदन कानन में विचरण,स्वयं को आकाश में उड़ते हुए देखना,आकाश गंगा,आकाश कुसुम का चित्रण देखना अभीष्ट की पूरा करने वाले स्वप्न होते हैं.
भोर का सपना होगा सच:
- रात 12 बजे देखा गया सपना समान्य बात होता है.
- रात 3 बजे देखा गया सपना अर्धसत्य होत्या है.
- भोर में 4 बजकर 1 मिनट पर देखा गया स्वप्न सत्य होता है.
- सुबह 4 बजे से 7 बजे तक देखा गया स्वप्न पूर्ण सत्य होता है.
- सुबह के समय देखा गया स्वप्न 24 घंटे,4 दिन या अधिकतम 40 दिन में पूर्ण सत्य होता है.
- सोने के तुरन्त बाद और रात 12 बजे तक देखे गए स्वप्न नगण्य होते हैं.ये स्वप्न सिर्फ भय पैदा करते हैं.
- रात्रि 12 बजे के बाद देखे गए स्वप्न अर्धसत्य होते हैं यानि दूसरों पर लागू होते हैं.
- ब्रह्म मुहूर्त में देखे गए स्वप्न 04 मिनट,13 वें दिन में,24 घंटे,4 दिन या अधिकतम 40 दिन में पूर्ण सत्य होता है.