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दो हफ्ते बाद भी बरामद नहीं हुई ग्रामीण की नाबालिग बेटी

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी।
अच्छे-भले से नावाकिफ एक नाबालिग किशोरी को गांव के ही दूसरी बिरादरी के लोग बहला-फुसलाकर भगा ले गए। बेटी के साथ अनहोनी की घटना सोंच-सोंच कर मां-बाप परेशान हैं। थानेदार से लेकर जिलाधिकारी तक की चौखट पर माथा टेंक रहे हैं। बेटी की सकुशल बरामदगी व आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते घूम रहे हैं। लेकिन दो हफ्ते से ऊपर का समय बीत चुका है। पुलिस के पास आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं। मां-बाप व ग्रामीणों ने कार्रवाई न होने पर आक्रोष जताया है। 
  थाना फरधान क्षेत्र के ग्राम कैमहरा निवासी मोहन लाल मौर्या ने बताया कि 28 अपै्रल 2017 को उनकी नाबालिग बेटी सुनीता (15) को गांव के ही राजन वाल्मीकि, रविंद्र वाल्मीकि, ऋषिपाल गौतम व उनकी पत्नी राजेश्वरी बहला-फुसला कर भगा ले गए। यह मामला देर रात का है। सुबह जब बेटी गायब मिली तो परिवारीजनों ने उसकी तलाश शुरू की। तीन-चार दिनों तक उसकी खोजबीन में लगे रहे। इस बीच पता लगा कि गांव का ही राजन वाल्मीकि व उसका पिता राविंद्र वाल्मीकि गायब हैं। कुछ और खोजबीन करने पर मालूम हुआ कि इन दोनों ने गांव के ही ऋषिपाल गौतम व उसकी पत्नी राजेश्वरी की मदद से उसकी बेटी को भगा ले जाने की हरकत अंजाम दी है। पिता मोहन लाल ने दो मई को इसकी तहरीर थाना फरधान पुलिस को देते हुए कार्रवाई की मांग की है। 
  पुलिस ने मामले की तहरीर तो दर्ज की लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया। इधर माता-पिता बेटी की बरामदगी न होने से तरह-तरह की आशंकाओं से भयभीत हैं। वह हर हाल में बच्ची की सकुशल बरामदगी के लिए थाने से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक के चक्कर काटने को मजबूर हैं। फिर भी बेटी की बरामदगी तो दूर खुलेआम घूम रहे आरोपियों पर तक पुलिस हाथ डालने से कतरा रही है। जब भी थाने पर पीड़ित दम्पत्ति पहुंचते हैं तो उन्हें केवल गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भर मिलता है। 
 

डिप्टी सीएम व डीजीपी से मिलने जा रहे पीड़ित

भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित की तहरीर पर गंभीरता से कार्रवाई के लिए पुलिस महकमे को सख्त हिदायत दे रखी है। लेकिन उनकी आदेश पर पलीता भी पुलिस विभाग के ही अधिकारी लगा रहे हैं। थानेदार फरधान द्वारा कार्रवाई न किए जाने से परेशान पीड़ितों ने अब उच्चाधिकारियों के दरबार में पेश होने का मन बनाया है। पीड़ित दम्पत्ति डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या व डीजीपी से मिलने के लिए रवाना हो गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि वहां से कोई संतोषजनक कार्रवाई की जाएगी। 

ऋषिपाल को पकड़े तो खुलेगा राज

बेटी को भगा ले जाने की घटना के बाद से राजन वाल्मीकि व उसका पिता राविंद्र वाल्मीकि फरार है। वहीं इस कृत्य में साथ देने वाला ऋषिपाल गौतम व उसकी पत्नी राजेश्वरी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि दोनों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज हैं। पीड़ित पक्ष ने कहा कि राजन व राविंद्र उनकी बेटी को लेकर कहां गए हैं इसकी जानकारी ऋषिपाल व उसकी पत्नी को है। यदि पुलिस इन दोनों को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ करें तो उनकी बेटी सकुशल बरामद हो सकती है। 

शराबी रिक्शा चालक ने वाहनों पर फेंके ईंट-पत्थर

शहर के हीरालाल धर्मशाला के पास एक रिक्शा चालक पर शराब का नशा इस कदर हावी हुआ कि उसने वहां से गुजरने वाले वाहनों पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। मौके पर मौजूद होमगार्ड ने जब उसे पकडऩे की कोशिश की तो वह उस पर भी हमलावर हो गया। पथराव से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मुश्किल से उस पर काबू पाया और कोतवाली ले आई।
घटना दोपहर करीब 12ः30 बजे हुई। हीरालाल धर्मशाला के पास ओवरव्रिज के पास एक रिक्शा चालक शराब के नशे में था। वह पहले तो वहां से गुजरने वाले लोगों के साथ गाली-गलौज करता रहा। कुछ ही देर आने-जाने वाले वाहनों पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद एक होमगार्ड ने जब उसे पकडऩे की कोशिश की तो वह होमगार्ड पर भी ईंट-पत्थर फेंकते हुए हमलावर हो गया। हालांकि होमगार्ड बच गया। हंगामा कर रहे रिक्शा चालक को काबू न कर पाने पर होमगार्ड ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब उसे पकडऩे की कोशिश की तो वह ईंट-पत्थर लेकर दौडऩे लगा। पुलिस ने बमुिश्कल उस पर काबू पाया और पकड़कर कोतवाली लाई। सदर कोतवाल नागेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम मोहल्ला ईदगाह निवासी शिवा बताया है। वह रिक्शा चालक है। जिसे पुलिस पकड़कर कोतवाली लाई है, जो पुलिस की हिरासत में है। 

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