उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री चुन लिए गए हैं. मुख्यमंत्री का चुनाव होने के साथ ही नई सरकार का शपथ ग्रहण 18 मार्च को शाम तीन बजे परेड ग्राउंड में होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहेंगे.
आईये आपको बताते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत के संघ से सीएम तक के सफ़र के बारे में.
- त्रिवेन्द्र सिंह रावत का जन्म 20 दिस्म्बर, 1960 को उत्तराखंड के एक गांव खैरासैण में हुआ.त्रिवेन्द्र सिंह रावत पत्रकारिता में पोस्टग्रेजुएट हैं.
- 1979 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे.
- 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे.
- 1985 में देहरादून महानगर के प्रचारक बने.
- 1993 में भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री बने.
दो बार चुने गए विधायक,राज्य मंत्री भी रहे
- 2002 मे डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से प्रथम बार विधायक चुने गए.
- 2007 में दूसरी बार डोईवाला से विधायक चुने गए.
- 2012 के विधान सभा चुनाव में डोईवाला सीट छोड़ उन्होंने रायपुर विधान सभा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.
- 2013 में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दी गई.
- 2014 लोक सभा चुनाव में उत्तरप्रदेष में अमित शाह के साथ सहप्रभारी की जिम्मेदारी दी गई. जिसमें उन्होंने उत्तरप्रदेश से लोकसभा में 73 प्रत्याक्षियों को जितवा कर भेजा.
- वह 2007-2012 के दौरान राज्य की बीजेपी सरकार में कृषि मंत्री भी रहे.
- अक्टूबर 2014 में उन्हें झारखण्ड के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उनके नेतृत्व में पहली बार झारखण्ड में बीजेपी की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी.
नहीं हैं कोई अपराधिक मामले
- कृषि मंत्री रहने के दौरान बीज घोटाले में उनका नाम आया. हालांकि त्रिवेंद्र रावत का इस पर कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा जांच कराने पर भी उनका नाम नहीं आया.
- चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और उनके पास करीब 1 करोड़ की संपत्ति है.
फौजी परिवार से हैं रावत
फौजी परिवार में जन्में त्रिवेंद्र रावत ने पत्रकारिता से पीजी की पढ़ाई की है और इतिहास से एमए किया है.रावत की पत्नी सुनीता टीचर हैं और देहरादून में नियुक्त हैं। इनकी दो पुत्रियां हैं।