19 वर्षीय पूनम रावत ने सुबह 11 बजे उत्तरकाशी थाने में पहुंचकर थानाध्यक्ष महादेव उनियाल से चार घंटे का चार्ज संभाला। इसके बाद थाना परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पूनम ने बाल मजदूरी और शोषण के खिलाफ एक नाटिका में कोतवाली प्रभारी की भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने एक कोतवाल के अंदाज में दुकान में काम कर रहे एक नाबालिग बच्चे को उसके घर तक पहुंचाने का काम किया।
साथ ही उन्होंने पास के होटलों का भी जायजा लिया। उन्होंने दुुकानदारों को स्पष्ट कहा कि अगर दुकान में शराब परोसते हुए पकड़े गए या शराब बरामद होती है, तो कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद पूनम उत्तरकाशी कोतवाली लौटकर थानाध्यक्ष महादेव उनियाल को कार्यभार सौंपा।
पूनम रावत उत्तरकाशी स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक की द्वितीय वर्ष की छात्रा है। उसके पिता विरेंद्र सिंह रावत की हिना गांव के पास दुकान है। मां गृहणी है। जबकि घर में उसकी दादी के अलावा दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई है। पूनम बताती है कि भविष्य में वह समाज सुधारक बनना चाहती है। इसके लिए जो भूमिका उन्होंने थानाध्यक्ष के रूप में आज निभाई है, उसे वह भविष्य में पाना चाहती है। इसके लिए वह खूब मेहनत करेगी।
इसके लिए पुलिस मुख्यालय से विशेष अनुमति ली गई थी। इसका उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्र की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष तीन बालिकाओं को तीन गांव का प्रधान बनाया गया था। इस दौरान एसपी सुखवीर सिंह, थानाध्यक्ष महादेव उनियाल, कार्यक्रम समन्वयक अजय पंवार, शांति ठाकुर आदि शामिल रहे।