Lakhimpur/Dev Srivastava: हैदराबाद थाना क्षेत्र में ठेले पर चाट खाने से दर्जनों लोग बीमार हो गए। हालत बिगडऩे पर बीमारों को गोला गोकर्णनाथ व फरधान के सीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं डेढ़ दर्जन गंभीर बीमारों का जिला अस्पताल में उपचार जारी है। इलाज के दौरान एक किशोरी की मौत हो गई।
कैसे हुई घटना
हैदराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम खेतौसा में अक्सर शाम को चाट वाला आता था। 23 जनवरी की शाम चाट वाला गांव पहुंचा। गांव के तमाम लोगों ने उससे चाट लेकर खाई। कई बीमार लोगों ने बताया कि खाते समय कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था लेकिन उन्होंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। पांच साल के बच्चे से लेकर 45-50 साल तक के बड़ों ने चाट खाई। चाट खाने के कुछ समय बाद ही सभी की तबियत बिगड़ गई। सभी को उल्टी-दस्त शुरू होने लगे। जब गांव में कई लोगों के बीमार होने का पता चला तो परिजन सभी को लेकर आस-पास के अस्पताल में भागे। कई लोग गोला व फरधान के सीएचसी व पीएचसी में भर्ती कराए गए।
सभी खतरे से बाहर
स्वास्थ्य विभाग की सूचना पर पुलिस अस्पताल पहुंची और किशोरी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं अन्य का उपचार जारी है। डाक्टरों ने बताया कि फिलहाल सभी खतरे से बाहर हैं। उधर गोला व फरधान से भी उपचार के बाद कई लोगों को घर भेजे जाने की जानकारी मिली है।
स्वास्थ्य विभाग ने डाला गांव में डेरा
मामले की सूचना पर सकते में आए स्वास्थ्य महकमें के आला अफसरों ने मंगलवार को गांव डेरा डालकर बचाव व उपचार कार्य युद्व स्तर पर शुरु कर दिए। ग्रामीणों का कहना है कि रविवार को एक चाट बेचने वाले की चाट खाने के बाद लोगों की हालत बिगडी तो वहीं ग्रामीणों का तर्क यह भी है कि चाट खाने वालों के अलावा सैकडों लोगों की हालत बिगडऩा कैसे साबित करता है कि चाट खाने से बीमारी पनपी है।
सीएचसी प्रभारी ने माना फूड प्वायजनिंग हुई
फरधान सीएचसी अधीक्षक अमित बाजपेई ने बताया कि इस प्रकार की बीमारी में फूड प्वायजनिंग के लक्षण माने जा रहे हैं। जांच के लिए चाट दुकानदार से चाट बनाने की सामग्री के सैंपल ले लिए गए है। रिपोर्ट आने पर ही पता चल सकेगा। वहीं उन्होंने कहा कि बीमारी का फैलाव संक्रमण से माना जा रहा है। जो कि एक-दूसरे के मल मूत्र व उल्टियों आदि से संपर्क में आता है। गांव में अभी भी तीन एंबुलेस तैनात हैं। साथ ही चिकित्सकों की टीम बराबर मरीजों में दवाईयां वितरण कर रही है।