Lakhimpur/Dev Srivastava: शहर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में कार्यरत कर्मचारी की तीसरी मंजिल से गिर जाने के चलते मौत हो गई। नर्सिंग होम स्वामी ने युवक के मानसिक रूप से विक्षिप्त होने की बात कही है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
क्या है घटना
शहर के मोहल्ला महरानगर में गुप्ता हास्पिटल नर्सिंग होम संचालित है। यहां असलम (40) पुत्र कुंदन अली निवासी महराजनगर पिछले तीन सालों से अस्पताल में नौकरी कर रहा था। रविवार को वह तीसरी मंजिल पर था। देर शाम अचानक वह तीसरी मंजिल से नीचे आ गिरा। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद अस्पताल में हड़कम्प मच गया। स्टाफ तुरंत उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचा जहां परीक्षण के उपरांत युवक को मृतक घोषित कर दिया गया।
असलम मानसिक रोग से था ग्रसित
स्टाफ के मुताबिक, तीन साल पहले असलम ने अस्पताल में नौकरी शुरू की थी। उसने बतौर रिसेप्शनिस्ट नौकरी की शुरुआत की थी। कुछ समय पहले वह मानसिक रोग से ग्रसित हो गया। उसका इलाज भी लखनऊ से चल रहा था। रोग की वजह से उसे रिसेप्शनिस्ट से हटाकर ग्लब्स वगैरह सुखाने के काम पर लगा दिया गया था। स्टाफ के मुताबिक वह आज शाम भी तीसरी मंजिल पर ग्लब्स ही सुखाने गया था जहां से वह किसी वजह से नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई। इस बावत नर्सिंग होम संचालक डा. राधेश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने भी युवक के मानसिक रूप से ग्रसित होने की बात बताई।
मानसिक रोगी से तीसरी मंजिल पर क्यों करा रहे थे काम
डा. राधेश गुप्ता ने खुद माना कि युवक मानसिक रोग से ग्रसित था। ऐसे में उसे तीन मंजिल पर भेजकर काम कराना ही बहुत बड़ा सवाल पैदा करता है। एक मानसिक रोगी को तीसरी मंजिल से काम कराने की बात पर लोग अस्पताल की ही लापरवाही मान रहे हैं।
दुर्घटना व खुदकुशी के बीच फंसा मामला
युवक दुर्घटना का शिकार बना या फिर उसने खुदकुशी की इसमें फिलहाल पेंच हैं। युवक के मानसिक तौर पर बीमार होने की बात कही जाती है। ऊपर उसे तीसरी मंजिल पर काम करने के लिए भेजा गया। ऐसे में मानसिक रोग के चलते वह दुर्घटना का शिकार हो गया होगा न तो इससे इंकार किया जा सकता है और न ही इस बात से इंकार किया जा सकता है कि बीमारी के चलते उसने खुदकुशी कर ली हो। फिलहाल असलियत पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी।