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114 डॉक्टर के नाम फेसबुक पर वायरल, नहीं है स्पेशलिस्ट की डिग्री

छत्तीसगढ़ चिकित्सा जगत में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। वजह है डिग्री। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर छत्तीसगढ़ के 114 और देश के 8 डॉक्टर के नाम वाली सूची वायरल है। आरोप हैं कि डॉक्टर्स के पास वे डिग्रियां नहीं हैं जो वे प्रिस्क्रिप्शन(पर्चियों) और प्रचार-प्रसार के लिए अपने नाम के पीछे लिखते हैं। छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल (सीजीएमसी) ने इसे संज्ञान में लेते हुए, सभी डॉक्टर्स को 2 महीने के अंदर स्थिति स्पष्ट करने, पंजीयन करवाने या डिग्री न होने पर इसका उल्लेख बंद करने की चेतावनी जारी की है।

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लेकिन टि्वस्ट यहां भी है, जिस डॉक्टर ने अपने बचाव में सीजीएमसी को ये सूची उपलब्ध करवाई, उसी डॉक्टर पर निलंबन की गाज गिर गई है। ‘नईदुनिया’ ने पिछले महीने बिलासपुर के डॉ. जगबीर सिंह कनेट के निलंबन के बाद उनके द्वारा फेसबुक पेज में जारी की गई सूची हासिल की, जिनमें प्रदेश के नामी डॉक्टर्स के नाम हैं। इनमें एक-दो सीजीएमसी के सदस्य हैं। कई डॉक्टर बड़े मल्टी स्पेशलिटी, सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के मालिक भी हैं। सूची वायरल होने से डॉक्टर सकते में हैं। एक डॉक्टर का निलंबन, 114 को 2 महीने का समय देना, सीजीएमसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है।

मेरे विरूद्ध किसी ने सीजीएमसी में शिकायत की। जवाब में मैंने सीजीएमसी को 114 डॉक्टर की सूची सौंपी, जिनके पास डिग्रियां नहीं हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ मुझ पर हुई? 114 डॉक्टर को 2 महीने का समय दे दिया गया, मुझे क्यों नहीं? मैंने सीजीएमसी के सदस्यों को वॉट्सएप मैसेज किया था क्या इसलिए मेरा पंजीयन 7 दिन के लिए निलंबित किया गया। फैसला कोर्ट करेगा।’

बड़ा सवाल

क्या वास्तव में डिग्री के नाम पर प्रदेश के डॉक्टर्स मरीजों से छलावा कर रहे हैं? क्योंकि आम मरीज एमडी (फिजिशियन) को स्पेशलिस्ट ही मानता है।

ऐसे समझ सकते हैं डिग्री का खेल

एमडी (फिजिशियन), तो संभव है कि उसके पास एमबीबीएस की डिग्री है। क्योंकि यूक्रेन और अन्य देशों में ग्रेजुएशन की डिग्री को एमडी ही लिखते हैं। भारत में एमडी पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) डिग्री है, जबकि डॉक्टर्स खुद को मेडिकल स्पेशलिस्ट लिखते हैं जो गलत है।

डॉ. जगबीर सिंह के विरुद्ध कार्रवाई के साथ ऐसे डॉक्टर्स जो प्राप्त डिग्री के अतिरिक्त डिग्री लिख रहे हैं, वास्तव में डिग्री है तो 2 माह में रजिस्ट्रेशन करवाएं, नहीं है तो लिखना बंद करें। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। -डॉ. श्रीकांत राजिमवाले, रजिस्ट्रार, छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल

कहां से शुरू हुआ विवाद

24 सितंबर 2016 को सीजीएमसी की बैठक हुई, जिसके बाद प्रेस रिलीज जारी की गई। जिसमें लिखा था- ‘डॉ. जगबीर सिंह, ऑर्थाटिस एंड रियूमेटिज्म क्लीनिक, मगरपारा बिलासपुर के विरूद्ध प्राप्त शिकायत में छत्तीसगढ़ में कार्यरत 114 डॉक्टर की सूची संलग्न कर कार्यालय में प्रस्तुत की गई। इनमें कई चिकित्सकों की योग्यता पर प्रश्न चि- लगाया गया। डॉ. सिंह के पास डीएम रियूमेटोलॉजिस्ट की डिग्री नहीं होने के बावजूद वे स्वयं को डीएम रियूमेटोलॉजिस्ट लिखते हैं, एक सप्ताह के लिए उनका पंजीयन निलंबित किया जाता है।’ जब 114 डॉक्टर को 2 महीने का समय दे दिया गया था, तो विवाद ने यहीं से तूल पकड़ा।

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